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आज जिस मुकाम पर हु वो मै गुरु बलराज साहनी जी की वजह से है।----अनवर फतेहन




इस मुकाम को हासिल करने में छत्तीस साल लग गए। करीब अठारह साल लगातार थिएटर किया है

मैंने शकुनि के किरदार को परदे पर छे बार जिया है। ये किरदार मेरे दिल के करीव है। इसके लिए मुझे अवार्ड भी मिला है।

वक़्त ने और दोस्तों ने काफी साथ दिया . मै उनका शुक्रिया अदा करना नहीं भूलता हु। अभी मै दर्द का रिश्ता , जय जय बजरंगबली ,आस्था विश्वास की अटूट की कहानी और लाजवन्ती कर रहा हु।

अब तक पांच सौ अधिक टीवी सीरियल कर चुका हु। . मेरी आने फिल्म कसौटी जिंदगी की है।
वैसे कहावत है पूत के पाँव पलने में देख लिए जाते है। एक्टर का बनना और न उसके पर निर्भर करता है। एक्टर तो इनबिल्ट होता है।

कोई भी एक्टिंग संस्थान तीन महीनो में कैसे एक्टर बना सकते है। ये मेरे समझ से पर है भाई। ये सब बिज़नेस है। अगर कोई एक्टर बनना चाहता है तो उसे थिएटर करना चाहिए। एक्टिंग स्कूल में आप बेसिक सीख सकते है।

एक्टर तो जन्मजात होता है। वो पॉलिश किया जा सकता है बनाया नहीं जा सकता है। मेरी इच्छा तो अधूरी रह गई।

मै दिलीप कुमार साहेव के साथ काम करना चाहता था। एक फिल्म कलिंगा शुरू हुई थी वो किसी कारण बन नहीं सकी। इसका मुझे बेहद अफ़सोस है।

किसी ने कहा है। .जो बना है वो फ़ना है। एक ऐसा किरदार मै करना चाहुगा वो शकुनि है इसके अलावा गाजी खान करना चाहुगा। मै जानता हु बॉलीवुड में फर्जी लोगो की लाइन लगी है उस ज़माने में फर्जी लोग होते है। मगर उनके अन्दर कुछ कर गुजरने की चाहत होती थी। वो कर ले जाते थे।

मगर आज की फर्जी लोग तो बाते करते है। कोम्प्रोमाईज़ तो बड़ा नाम है उस टाइम भी था और आज भी। मै ये कहना चाहुगा जिसके पास टैलेंट है उसे कोम्प्रोमाईज़ की जरुरत नहीं पड़ती है।

This interview Taken by Editor Sushil Gangwar For Sakshatkar.com