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क्या भड़ास ४ मीडिया डाट कॉम सकंट के दौर से गुजर रहा है ?



आज मीडिया के भगवान  यशवंत सिंह का  लेख भड़ास4मीडिया को अब आप लोग चलाइए, मैं चला चुका  पढ़ा  तो थोडा परेशान हुआ |  मैंने पूरा लेख बड़े आराम और तसल्ली से पढ़ा |  क्या  भड़ास ४ मीडिया  डाट कॉम   सकंट के दौर से गुजर रहा है ? फ़ोन पर चिल्लाकर पेड़ न्यूज़ की वसूली करने वाले  यशवंत सिंह  को क्या हो गया है |  फिर मै सोच में पड़ गया | परन्तु मै अपने मीडिया बंधुओ को  कभी नहीं भूलता हु   मुझे पिछले साल  का सीन  पूरा याद  है | 

 मैंने   कभी लेख खुन्नस में नहीं लिखा  ,जो लिखा वह हकीकत थी | किसी ने कहा है अगर भीख - चंदा , मदद मागो तो सलीके  से मागो | जब किसी से मदद ली जाती तो अपना अहंकार  , क्रोध दूर- दूर  तक नजर नहीं आना चाहिए | 

मीडिया में एक बहस छिड़ जानी चहिये | पेड़ न्यूज़ को विज्ञापन माना जाये, ताकि पेड़ न्यूज़ करने वाले अपनी दूकानदारी  ढंग से चमका सके | मुंबई में एक कहावत बोलते है  मूर्ख बनके सबको मूर्ख बनाते रहो और अपना काम चलाते रहो | यह कहावत कुछ पत्रकारों पर सर चढ़के बोलती है |

यशवंत  सिंह के पूरे लेख  में खुलके नाम नहीं लिखा  है मगर भड़ास जमकर निकाली है | देश आजाद हो चुका है  हर इन्सान भड़ास निकाल सकता है  | 

पिछली साल मार्च के महीने में  भडासी भाई ने बोला था यार तू  तो साईट को बेच बेच कर माल बना रहा है हम चूतिया है जो तेरी  न्यूज़ फ्री में लगाते  रहे | तू ५०००/- रूपये दे | 

अब क्या हुआ जो  भड़ास ४ मीडिया को   बेचना शुरू कर दिया या लोगो को  इमोशनली ब्लैक मेल कर रहे हो |  भाई ये पब्लिक है सब जानती है  पब्लिक है  | अगर दिल करे तो फ़ोन करके फिर से गरिया लेना ?  खैर अभी पिक्चर बाकी है मेरे दोस्त ?  

सुशील गंगवार 
साक्षात्कार डाट.कॉम