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बसपा में पैसे से मिलता है टिकट, संगठन के नेता रंगीन करते हैं अपनी रातें


भाजपा में भी अवधेश वर्मा के खिलाफ विरोध के सुर : बसपा के अपने ही उस के जहाज को डूबाने की तैयारी कर चुके हैं। कल तक बसपा में कद्दावर नेता रहे अवधेश वर्मा आज बसपा की पोल खोलने में लग गए हैं। मायावती ने पार्टी से दागी मंत्रियों और विधायकों को बाहर का रास्ता क्या दिखाया कि उन लोगों ने ही मायावती के लिये मुश्किलें खड़ी करनी शुरू कर दी है। कल तक बसपा सरकार में मंत्री रहे और बसपा को अपना सबकुछ मानने वाले अवधेश वर्मा ने भाजपा का दामन क्या थामा, एक रात में ही उन के सुर बदल गये। अवधेश ने बसपा में किस तरह से पैसा लेकर टिकट बांटे जा रहे हैं इस का खुलासा किया। बसपा सगंठन से जुडे वरिष्ठ पदाधिकारी अपनी रातों को रंगीन करने के बदले में टिकट बांट रहे हैं।
अवधेश वर्मा ने अपने राजनैतिक करियर को बचाने के लिये भाजपा का दामन थाम लिया है। भाजपा की सदस्ता मिलते ही अवधेश के सुर बदल गये है। बह बसपा के वरिष्ठ पदों पर बैठे नेताओं पर खुल कर आरोप लगाने लगे हैं। पत्रकारों से बात करते हुये अवधेश वर्मा ने कहा कि बसपा के पश्चिमी जोन कोआर्डिनेटर मुनकाद अली पैसे लेकर टिकट बांट रहे हैं और विलासितापूर्ण जीवन बिता रहे हैं। टिकट के बदले में रातें रंगीन करते हैं। बसपा में मायावती पैसा लेकर टिकट बांट रही हैं, के सवाल पर बोले कि यह मुझ से न कहलवाओ तो ज्यादा बेहतर है। प्रदेश की जनता सब जानती है, वह आने वाले चुनाव में इस का निर्णय करेगी कि बसपा में किस तरह से टिकट बांटे गये हैं। हमारा टिकट बसपा के पश्चिमी जोन कोआर्डिनेटर मुनकाद अली ने साजिश के तहत काटा है। उन्हें बसपा पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
अवधेश वर्मा ने कहा कि मुनकाद ने दूसरी पाटिर्यो से समझौता कर लिया है, इसीलिये बह बसपा के जिताऊ प्रत्याशियों के टिकट काट रहे हैं। वीसलपुर से बसपा के सच्चे सिपाही फूलबाबू का टिकट काट दिया जबकि बह बसपा के लिये छह महीने मीसा में जेल में रहे। ऐसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं के टिकट काट कर मुनकाद अली बसपा का अहित कर रहे हैं। मेरा टिकट काटकर जिसे दिया गया है वह राजनीति क्या जाने, बाग-बगीचे संभालने बाला क्या जनता की सेवा करेगा। उनका बसपा से कभी भी दूर-दूर तक नाता नहीं रहा है। वह तो समाजवादी पार्टी के नेता थे। मुनकाद अली ने जिस तरह बसपा की सदस्यता दिला कर टिकट दे दिया, इस से यह साबित होता है कि वह जातिवाद फैला रहे हैं।
अवधेश वर्मा ने भाजपा की सदस्यता तो ग्रहण कर ली पर वह अभी भी भाजपा में अपने आप को असहज महसूस कर रहे हैं। आज सुबह जब वह क्षेत्र में वोट मांग रहे थे तो उनके साथ भाजपा के नेता की तो बात छोडि़ए भाजपा का एक झंडा भी नहीं दिखाई दे रहा था। और अवधेश ने पत्रकारों से लम्बी बातचीत की, पर एक बार भी भाजपा का नाम अपने मुंह से नहीं लिया। भाजपा में अवधेश वर्मा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद से ही विरोध के सुर सुनाई पड़ने लगे हैं। भाजपा से ददरौल से टिकट मांग रहे जेपीएस राठौर अवधेश को टिकट दिये जाने का विरोध कर रहे हैं और जगह-जगह भाजपा कार्यकर्ता अवधेश वर्मा के पुतले फूंक रहे हैं। अवधेश वर्मा ने इस बात को स्वीकारा कि उन्हें मंत्री पद और बसपा सरकार के कारण घंमड था। पंचायत चुनाव में ददरौल में किए गये अपहरण पर उन्हों ने साफ कहा कि थाने में हमारे खिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी। और रहा ददरौल ब्लाक में अपहरण का सवाल तो जिनके अपहरण होने की बात कही जा रही है वह कल भी हमारे साथ थे और आज भी हमारे साथ हैं।
लेखक सौरभ दीक्षित शाहजहांपुर में इलेक्‍ट्रानिक मीडिया के पत्रकार हैं
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