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मायावती लोकायुक्त के घेरे में



मायावती -----

डेटलाइन इंडिया
लखनऊ, 5 जनवरी- बहुजन समाज पार्टी मंत्रिमंडल के अधिकांश सदस्यों केे भ्रष्टाचार के दलदल में फंसने के बाद अब मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रिमो मायावती भी लोकायुक्त के घेरे में आ गई हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश की राजनीति ने एक नया रंग लेना शुरू कर दिया है। एक तरफ समाजवादी पार्टी अपनी खुशी जाहिर करने में लगी हैं वहीं मायावती अपने आपको लोकायुक्त से किनारा करने में कोई गुरेज नहीं कर रही।
दरअसल मुख्यमंत्री मायावती सहित कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लगभग 2.32 लाख करोड़ रुपये का घोटाला करने के लिए लोकायुक्त से उचित कार्रवाई की मांग की गई है। हालांकि लोकायुक्त ने बताया है कि शिकायत उनके सामने अभी नहीं आई है। इलाहाबाद निवासी विनय कुमार मिश्र ने लोकायुक्त से शिकायत में कहा है कि मौजूदा सरकार में बिना किसी टेंडर प्रक्रिया को अपनाए पिछले दरवाजे से निजी कंपनियों को शराब का कारोबार देकर घोटाला किया गया है।शिकायत में यह भी कहा है कि इस साजिश में मुख्यमंत्री तो शामिल हैं ही, उनके साथ ही आबकारी मंत्री व पंजाब के एक प्रमुख शराब कारोबारी को शामिल बताया गया है। लोकायुक्त को आरोपों के संबंध में तमाम दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए कार्रवाई की मांग की गई है।
शिकायतकर्ता विनय ने घोटाले में शामिल लोगों से खुद की सुरक्षा का इंतजाम करने की भी मांग की है।हाल ही में अंबेडकर ग्राम सभा विकास मंत्री रतनलाल अहिरवार के ऊपर ग्रामसभा की जमीन पर अवैध कब्जे, पद एवं विधायक क्षेत्र विकास निधि के दुरूपयोग की शिकायत लोकायुक्त जांच में सच साबित हुई हैं, जिसके बाद जांच में दोषी भ्रष्ट मंत्री रतनलाल अहिरवार से मुख्यमंत्री मायावती ने इस्तीफा लेकर राज्यपाल के पास भिजवा दिया जो मंजूर भी हो गया. मंत्री पद गंवाने वालों में रतनलाल का नंबर पांचवा हो गया है.


इससे पहले रंगनाथ मिश्र, राजेश त्रिपाठी, अवधपाल सिंह यादव तथा बादशाह सिंह को मंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. रतनलाल का विभाग अंबेडकर ग्रामसभा पंचायती राज मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को दे दिया गया हैं. वहीं दूसरी तरफ पूर्व वन मंत्री फतेह बहादुर सिंह की एक और शिकायत लोकायुक्त से की गई है। लोकायुक्त ने बताया कि बिन्देश्वर प्रसाद द्वारा फतेह बहादुर के संबंध में शिकायत की गई है। पूर्व मंत्री के गाजियाबाद व नोएडा में जमीन के मामलों की शिकायत की गई है।  यानी कुल मिला कर साफ है कि लोकायुक्त जांच में बसपा के कई माननीय दोषी साबित होने के बाद लोकायुक्त का मुख्यमंत्री के ऊपर से विश्वास अब उठने लगा है वहीं विरोधी पार्टियों को भी घेरने का नया मौका मिल गया है


Sabhar:- Datelineindia.com