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ब्लड दिलाने के नाम पर ठग गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा

मरीजों के तिमारदारों को ब्लड दिलाने के नाम पर ठगने वाले एक गिरोह का दक्षिणी जिला पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस संबंध में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। मामला राजधानी के हौजखास इलाके का है। पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी करीब एक साल से ब्लड दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा कर लोगों को चूना लगा रहे थे। पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर इनके नेटवर्क में शामिल अन्य ठगों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।

गिरफ्तार आरोपियों में उत्तम नगर स्थित मोहन गार्डन निवासी 21 वर्षीय दीपक और जैतपुर एक्सटेंशन निवासी 24 वर्षीय राकेश उर्फ जयप्रकाश शामिल हैं। इनके कब्जे से पुलिस ने चार हजार रुपये और ओपीडी का पर्चा बरामद किया है। इसमें से राकेश पिछले कुछ वर्षो में दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में छोटा-मोटा काम कर चुका है। इस कारण वह अस्पतालों में आने वाले मरीजों और उनके तिमारदारों की परेशानी को आसानी से भांप लेता था और उन्हें झांसे में लेता था। पुलिस के मुताबिक वह पिछले साल भर से इस तरह फर्जीवाड़ा कर लोगों को चूना लगा रहा था। वहीं दीपक ने उसके गिरोह में तीन महीने पहले शामिल हुआ था।

डीसीपी ने बताया कि गत 25 जनवरी को मयूर विहार फेज-एक स्थित शशि गार्डन निवासी नीरज कुमार ने पुलिस को यह शिकायत दी थी कि उसका रिश्तेदार अस्पताल में भर्ती है। उसे ब्लड की जरूरत थी। इसके लिए वह अस्पताल परिसर में मौजूद लोगों से बात कर रहा था, तभी तीन लोग उसे मिले और उन्होंने कहा कि ब्लड दिलाने का आश्वासन दिया। चार यूनिट ब्लड मुहैया कराने के लिए उससे चार हजार रुपये लिए और अस्पताल मे ओपीडी की पर्ची ले ली। रकम लेने के बाद तीनों गायब हो गए। उन्होंने नीरज कुमार को जो नंबर दिए थे, वह भी बंद था। परेशान होकर उसने इस संबंध में मामला दर्ज कराया। मामले की जांच में जुटी पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर दोनों आरोपियों को एम्स फ्लाइओवर के समीप धर दबोचा। पुलिस अब इस मामले में इनके तीसरे साथी की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
फर्जी नंबर पर लेता था सिमकार्ड
पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी लोगों को झांसे में लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिमकार्ड लेते थे। दो-तीन ग्राहकों को चूना लगाने के बाद नंबर बंद कर देते थे और सिम तोड़ नया सिम ले लेते थे। फर्जी दस्तावेज के आधार पर सिमकार्ड होने के कारण इन तक पहुंचना पुलिस के लिए भी मुश्किल होता था


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