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जागरण के पत्रकार ने तीन साथियों के साथ मिलकर किया महिला से दुराचार, मामला दर्ज


गोरखपुर। एक पत्रकार. वह भी गोरखपुर मंडल के नम्‍बर एक अख़बार दैनिक जागरण का. दुनिया को नीति, नियम क़ानून की परिभाषा बताता था. अब अपने आचरण से कुचर्चा में आ गया है. उसने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर एक महिला की इज़्ज़त लूट ली. महिला कोई आवारा नहीं बल्कि मेहनत से रोटी कमाने वाली थी. इस विधवा से जबरिया करने में उस पत्रकार ने यह भी नहीं सोचा कि यह कैसा घृणित कार्य कर रहा हूं. अब जब कि पुलिस मे मामला दर्ज हो गया तो जागरण वाले उसे संस्‍थान से निकालने की बजाय बचाव में लगे हैं. मामला लगभग एक माह पुराना है.
मामला गगहा थाना क्षेत्र के दूधपार गांव का है. शक्ति ईट भट्ठा पर काम करने वाली दलित बेवा से सामूहिक दुराचार किया गया. शैलेन्द्र दुबे पुत्र ओमकार दुबे, निवासी मिश्रौली शिवपुर थाना गगहा जिला गोरखपुर, जो दैनिक जागरण में हाटा (गोरखपुर) से पत्रकार है, ने अपने तीन साथियों के साथ उक्‍त दलित महिला से रेप किया. पीडिता ने जब पुलिस से इस मामले में रिपोर्ट लिखने की गुहार की तो पत्रकार के दबाव में पुलिस ने मुक़दमा तक नहीं लिखा. अंतत: वह न्‍यायालय गई और न्यायालय के आदेश पर गगहा पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 एवं एससीएसटी एक्ट के तहत शैलेन्द्र दुबे व उसके तीन अज्ञात साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
जानकारी के अनुसार झारखंड के जमदार गांव निवासिनी विधवा वीना देवी (बदला हुआ नाम) पिछले दस साल से ईट-भट्ठे पर मजदूरी का काम कर रही है. 22 जनवरी की रात बाइक से शैलेन्द्र दुबे अपने तीन अन्य लोगों के साथ भट्ठे पर पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद उसने वीना देवी को आवाज दिया. जब वह अपने घर से बाहर निकली तो सबने मिलकर उसे पकड़ लिया तथा खेत में ले गए. असलहा के बल पर सबने उसके साथ सामूहिक दुराचार किया. विरोध करने पर मारापीटा भी. जानमाल की धमकी भी दी तथा कहा कि थाने मत जाना नहीं तो भट्ठा से निकलवा दूंगा. इसके बाद वे सब भाग निकले. शोर मचाने पर साथ काम करने वाले मजदूर पहुंचे. भुक्‍तभोगी महिला अगले दिन थाने पहुंची तथा पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी. पुलिस ने मामला दर्ज करने की बजाय उसे डांट कर भगा दिया.
मुकदमा दर्ज न होने पर वीना ने न्यायालय का सहारा लिया. लगभग एक माह बाद कोर्ट के आदेश पर पत्रकार व उसके साथियों पर बलात्कार का मामला दर्ज हो सका. इस मामले में खबर भी दबा दी गयी. गोरखपुर से निकलने वाले कई अख़बारों के दफ़्तर तक बलात्कारी पत्रकार की खबर पहुंची लेकिन जागरण में बैठा पत्रकार का एक सहयोगी, जो खुद ही कई मामलों में आरोपी है, इस खबर को दबवाने में लग गया. यह तो भला हो राष्ट्रीय सहारा वालों का जिन्होंने 22 फ़रवरी के अंक में पेज 4 पर सिंगल कालम में खबर को प्रकाशित किया. इसमें भी खेल यह हुआ कि पत्रकार शब्द हटा दिया गया. नीचे सहारा में प्रकाशित खबर.

गोररखपुर (एसएनबी)। गगहा थाना क्षेत्र के दूधपार गांव के शक्ति ईट भट्ठा पर काम करने वाली दलित बेवा से सामूहिक दुराचार किया गया। इस मामले में न्यायालय के आदेश पर गगहा पुलिस ने धारा 376 एवं एससीएसटी एक्ट का मुकदमा शैलेन्द्र दुबे पुत्र ओमकार दुबे निवासी मिश्रौली शिवपुर थाना गगहा व तीन अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। झारखंड के जमदार गांव निवासिनी एवं बेवा शीला देवी पिछले दस साल से ईट भट्ठे पर काम कर रही है। गत 24 जनवरी 12 की रात बाइक से शैलेन्द्र दुबे अपने तीन अन्य लोगों के साथ भट्ठे पर पहुंचे। आवाज देकर बुलाने पर बाहर निकली तो सब पकड़कर खेत में ले जाकर असलहे के बल पर सामूहिक दुराचार किये। विरोध करने पर मारापीटा भी। जानमाल की धमकी भी दिया और कहा कि थाने मत जाना नहीं तो भट्ठा से निकलवा दूंगा। इसके बाद वे सब भाग निकले। शोर मचाने पर साथ काम करने वाले मजदूर पहुंचे। अगले दिन थाने जाने पर पुलिस ने डांटकर भगा दिया। मुकदमा दर्ज न होने पर बेवा ने न्यायालय का सहारा लिया तब कहीं जाकर मुकदमा दर्ज हो 
Sabhar- Bhadas4media.com