देहरादून में पत्रकारिता के दो महारथियों में जंग छिड़ी हुई है. नेटवर्क10 से शुरू हुई यह जंग अब बाहर भी महामारी की तरह फैलती जा रही है. नेटवर्क10 के पूर्व सीईओ बसंत निगम और एक्जीक्यूटिव एडिटर अशोक पाण्डेय एक दूसरे को सबक सिखाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. इस मामले की शुरुआत तब हुई जब अशोक पाण्डेय ने नेटवर्क10 में उनकी इंट्री कराने वाले बसंत निगम को ही शतरंजी चाल चलते हुए साइडलाइन करवा दिया, जिसके बाद बसंत इस्तीफा देकर नेटवर्क10 से बाहर चले गए. अशोक पाण्डेय अब चैनल के सर्वेसर्वा बन गए हैं.
अब खबर है कि अशोक पाण्डेय ने बसंत निगम को सड़क पर लाने की ठानी है. इसी रणनीति को अंजाम देने के लिए उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति के घर में टाइम टीवी के चढ़दीकला का ऑफिस खुलवा डाला जो प्रॉपर्टी के मामले में जेल जा चुका है. नईम खान इसके पहले भी एन10 नामक एक चैनल चलाया करते थे, जिसका कहीं कोई अता-पता नहीं था. अशोक पाण्डेय ने ये पूरा काम बदले की भावना से करवाया. उन्होंने इस ऑफिस का उद्घाटन भी किया. इसमें रविकांत शर्मा की भी महत्वपूर्ण भूमिका है.
सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड में टाइम टीवी चढ़दींकला का स्लाट का एग्रीमेंट प्रदीप भट्ट के पास है. प्रदीप ने इसके लिए पेमेंट भी किया है. उन्होंने ही बसंत निगम को ब्यूरोचीफ बनाया था. बताया जा रहा है कि अशोक पाण्डेय को पता था कि नेटवर्क10 से इस्तीफा देने के बाद बसंत वहां जाएंगे, इसके पहले ही उन्होंने नईम को चढ़दींकला का ब्यूरो बनवा दिया. अब मामला फंस गया है. प्रदीप भट्ट जो पहले ही स्लॉट का पैसा दे चुके हैं. गुरुवार को चैनल प्रबंधन से मिलने के लिए पंजाब गए हैं. इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि चैनल किसके जिम्मे रहेगा.
हालांकि इस पूरे विवाद के बारे में जब बसंत निगम से बात की गई तो उन्होंने माना कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है. उन्हें नीचा दिखाए जाने का प्रयास किया जा रहा है. परन्तु उन्होंने सीधा किसी का नाम लेने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि अभी मैंने खुद को अलग कर रखा है. प्रदीप भट्ट का जो निर्देश होगा उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ इस विवाद के दूसरे सिरे पर खड़े अशोक पांडेय से जब उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो उनका मोबाइल स्वीच ऑफ बता रहा था, जिससे बात नहीं हो पाई.
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