आज 'दृश्यांतर' पत्रिका के लोकार्पण के अवसर पर 'हंस' के संपादक श्री राजेंन्द्र यादव ने फिर कविता-विरोधी वक्तव्य दे डाला। कहा, ''कविता वर्तमान से अतीत की ओर ले जाती है (यानी अतीतजीवी होती है) जबकि कथा-कहानी अतीत से वर्तमान की तरफ लाती है।''
(नोट : चित्र में जो अतिथि बैठे-बैठे पत्रिका का लोकार्पण कर रहे हैं वे हैं श्री राजेंद्र यादव)
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