Salman Rizvi : इण्डिया टीवी और उसके कर्ताधर्ता रजत शर्मा ने जितनी जल्दबाज़ी में एक इंसान को कटघरे में सिर्फ़ अपनी टीआरपी के लिए खड़ा कर दिया, जिसका नतीजा ये निकला कि वो ख़ुर्शीद जो लोगों को अपनी इल्म कि रौशनी से ज़माने को सराबोर किया करता था उसने ख़ुद मुंह मोड़ लेना बेहतर समझा! आज जब इस दुनियाँ में हर कोई किसी न किसी कि कामयाबी और इल्म से रश्क में पड़ा हुआ है तो क्या उनकी ये ज़िम्मेदारी न थी कि वो एक दफ़ा पूरे मामले को समझ लेते और अगर समझा भी तो किस लेहाज़ से?
क्या उन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी में देखा है किसी को अपना पक्ष रखते हुए अपने ही मुद्दे पर जिस तरह खुर्शीद अनवर मरहूम उनकी उस तथाकथित इल्ज़ाम वाली कहानी पर रख रहे थे! आज जब पूरे मुल्क में हर क़दम पर एक स्वयं सेवी संस्थाएं खुल गयी अनेको मुद्दे पर बातें करने के लिए किसपे भरोसा किया जाये और किन मुद्दों पर जिस तरह वो फ़र्ज़ी अदालतें बिठालकर हम ही मुंसिफ हमही सब कुछ कि तर्ज़ पर दिल थामने कि दुहाई दे रहे थे!देश में क्या अब टीवीचैनल अदालते सजाने लगे हैं बाबाओं के दरबार सजाने के बाद!
सिर्फ़ टी आर पी के नाम पर आप लोगों नें एक जान ले लिया क्यूँ कि कोई भी खुद्दार इंसान ये बर्दाश्त करने कि हालत में नहीं था कि जिन मुद्दों पर वो लड़ा है उसी पर कुछ लोग उसे मुजरिम बना रहें हैं! बिलकुल उसी तरह जिस तरह Ashutosh Kumar साहब नें तीन महीने से पूरा ज़िम्मा इंसाफ़ वाला संभाल रखा था और चाय कि प्याली में पैदा हुयी क्रान्ति को सुबह सुबह ही उन्होंने अलफ़ाज़ का जमा पिन्हा दिया था!जिसे बाद में आंसूंओं से भीगे शब्द के ज़रिये हटा भी लिया!ख़ैर साहब इंसाफ़ के घर थोड़ा देर है लेकिन आवाज़ नहीं होती!
ख़ैर जो लोग भी इस मुद्दे में शामिल रहें हैं तमाम लोग खुर्शीद अनवर मरहूम के क़ातिल हैं! वैसे वो सुन ले ख़ुर्शीद छुप कर भी अपनी इल्म कि रौशनी से सराबोर करेगा और साज़िशें हार जाएँगी अपनी पैदा कि हुयी कहानियों के ज़रिये! ख़ुर्शीद सर आप हमेशा सबके साथ रहेंगे अपनी फ़िक्रों के ज़रिये!.....
सिर्फ़ टी आर पी के नाम पर आप लोगों नें एक जान ले लिया क्यूँ कि कोई भी खुद्दार इंसान ये बर्दाश्त करने कि हालत में नहीं था कि जिन मुद्दों पर वो लड़ा है उसी पर कुछ लोग उसे मुजरिम बना रहें हैं! बिलकुल उसी तरह जिस तरह Ashutosh Kumar साहब नें तीन महीने से पूरा ज़िम्मा इंसाफ़ वाला संभाल रखा था और चाय कि प्याली में पैदा हुयी क्रान्ति को सुबह सुबह ही उन्होंने अलफ़ाज़ का जमा पिन्हा दिया था!जिसे बाद में आंसूंओं से भीगे शब्द के ज़रिये हटा भी लिया!ख़ैर साहब इंसाफ़ के घर थोड़ा देर है लेकिन आवाज़ नहीं होती!
ख़ैर जो लोग भी इस मुद्दे में शामिल रहें हैं तमाम लोग खुर्शीद अनवर मरहूम के क़ातिल हैं! वैसे वो सुन ले ख़ुर्शीद छुप कर भी अपनी इल्म कि रौशनी से सराबोर करेगा और साज़िशें हार जाएँगी अपनी पैदा कि हुयी कहानियों के ज़रिये! ख़ुर्शीद सर आप हमेशा सबके साथ रहेंगे अपनी फ़िक्रों के ज़रिये!.....
सलमान रिजवी के फेसबुक वॉल से.