मेरा एक दोस्त है यशवंत सिंह। कहता भले दोस्त हूं लेकिन मानता हूं छोटा भाई। वह दुष्ट है, गलत है भ्रष्ट है लेकिन दिल का साफ़ है। उसकी दुष्टता किसी को अपमानित नही करती, उसकी गलती गाली देने तक है वह भी खुद को भी, उसका भ्रष्टाचार देश को घुन की तरह चाटने वाला नही है , करोडपति क्या लाखपति बनने वाला भी नही है ्बस परिवार के साथ दो रोटी मिल जाये वहीं तक है। मजेदार बात वह खुद को भी कभी आदर्शवादी नही कहता। फ़क्कड कबीर। जो लोग दुहरी जिंदगी जिते है , उन्हे यशवंत हमेशा बुरा लगेगा। मुझे नही लगता। मैं किसी मित्र की प्रशंसा मे पोस्ट नही करता परन्तु आज एक पत्रकार मित्र जो बिहार के है उनके कारण करना पडा। आप अगर गलत है या किसी मजबूरी के कारण आपसे कोई गलती हो जाये या अपराध हो जाये, उसे स्वीकार करें, खुद को सही नही ठहरायें। बिहार के मेरे वह बडे भाई यशवंत को गलत ठहराने लगे। अ्पने आदर्श को दर्शाने लगें। मैने मात्र इतना कहा , यशवंत बहुत बार अपनी गलती , अपनी कमियों या जो है वह बता चुका है , आपने कितनी बार लिखा खुद की कमियों के बारे में ? गांधी इसलिये महान नही थे कि उन्होने सब अच्छा काम किया बल्कि उन्होने जो गलतिया कि उसे स्वीकार किया। बहुत बुरा आदमी हूं मैं क्योकिं मौत का आनंद लेना चाहता हूं , इसीलिये सच बोलने का प्रयास होता है। ५३ वर्ष कम नही होते
Sabhar- FB Madan tiwari wall .