आईबीएन समूह के हिन्दी चैनल आईबीएन-7 के प्रबंध संपादक आशुतोष द्वारा चैनल से इस्तीफा दिये जाने के बाद अब चैनल के भीतर चहल पहल तेज हो गई है। आशुतोष द्वारा आम पार्टी ज्वाइन करने की संभावनाओं के बीच खबर आ रही है कि जिस तरह अरविन्द केजरीवाल से प्रभावित होकर आशुतोष ने आम पार्टी ज्वाइन करने में दिलचस्पी दिखाई है उसी तरह चैनल में आधे आधे के मालिक और पूरे पूरे के संपादक राजदीप सरदेसाई तथा राघव बहल ने भी अपनी अपनी पसंद की पार्टियों को ज्वाइन करने का मन बना लिया है। राजदीप सरदेसाई के हवाले से सूत्रधार खबरें दे रहे हैं कि वे अपनी पसंद की पार्टी कांग्रेस ज्वाइन करेंगे जबकि मोजी से प्रेरित राघव बहल बीजेपी ज्वाइन करेंगे।
चैनल से खुन्नस खाये सूत्रधार कहते हैं कि आशुतोष द्वारा इस्तीफा दिये जाने के बाद राघव बहल और राजदीप सरसेदासाई के बीच किसी सीक्रेट प्लेस पर एक सीक्रेट मीटिंग हुई है जिसमें आशुतोष के आम पार्टी में चले जाने के बाद की परिस्थितियों पर चर्चा की गई और चैनल से आगे की रणनीति पर गंभीर विचार विमर्श किया गया। दोनों ने कई घण्टों की वार्ता के बाद आखिरकार निष्कर्ष निकाला कि अब आशुतोष की तर्ज पर उन दोनों लोगों को भी अपनी अपनी पार्टियों की बागडोर थाम लेनी चाहिए। राघव बहल का कहना था कि वे लंबे समय से मीडिया में हाथ आजमा रहे हैं और करीब तीन दशक में अब इतने चैनल लांच कर चुके है कि अब और चैनल लांच करने का मन नहीं करता। इसलिए अब उन्होंने तय किया है कि आगे का सारा जीवन में वे 'नमो की सेवा' में लगा देना चाहते हैं और देश को सुपर पॉवर बनाने के अपने काम को अंजाम देना चाहते हैं। मीटिंग के दौरान उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की कि अपनी किताब सुपर पॉवर लिखने के दौरान उनके क्रांतिकारी दिमाग में जो आइडियाज आये हैं उसे अगर लागू कर दिया जाए तो चीन की बजाय भारत एक सुपर पॉवर बन जाएगा। और क्योंकि हर काम की तरह यह काम भी केवल नरेन्द्र मोदी ही कर सकते हैं इसलिए उन्हे लगता है कि अब बीजेपी ज्वाइन कर लेना चाहिए।
लोल रिपोर्टर को मिली जानकारी के अनुसार कुछ इसी तरह की मंशा राजदीप सरदेसाई ने भी प्रकट की है। मीटिंग के दौरान राजदीप ने अपना दुख प्रकट करते हुए कहा कि उनको पत्रकारिता करते जमाना हो गया और हर रोज वे कांग्रेस के मुंह पर कालिख लगाते हैं फिर भी लोग हैं कि उन्हें कांग्रेसी पत्रकार के नाम से ही बुलाते हैं। हालांकि उन्होंने मनीष तिवारी से अपनी दोस्ती को निजी मामला मामला मानते हैं लेकिन साथ में यह भी कहा कि अब वक्त आ गया है कि देश के लिए कुछ निर्णायक किया जाए। सरदेसाई मानते हैं कि सिर्फ कांग्रेस ही वह पार्टी है जो राहुल जी के नेतृत्व में देश की तकदीर बदल सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ग्रास रूट पार्टी है और रुट पर उगी ग्रास (घास) को खाने खिलाने में विश्वास करती है। इस बारे में उनका अपना अनुभव पहले भी बहुत अच्छा रहा है इसलिए वे कांग्रेस ज्वाइन करने के लिए मन बना चुके हैं।
दोनों संपादकों ने तय किया कि वे भले ही अलग अलग पार्टियों की राजनीति करेंगे लेकिन जिसकी पार्टी सत्ता में आयेगी वह बाकी दोनों से भाईचारा बनाकर रखेगा। दोनों शीर्ष संपादकों ने एक सुर से शीला-केजरीवाल मॉडल पर काम करने का निर्णय लिया ताकि किसी भी परिस्थिति में आपसदारी कायम रहे। लोल रिपोर्टर को पता चला है कि दोनों संपादकों ने आशुतोष से संपर्क करके एक अंडरटेकिंग भी ले लिया है कि जिन पत्रकारों को कुछ दिन पहले चैनल से निकाला गया था उन्हें आम आदमी पार्टी में शामिल नहीं करवाया जाएगा ताकि चैनल के खिलाफ भविष्य में कोई आंदोलन न खड़ा हो सके। आशुतोष ने दोनों साथियों का आश्वासन दिया है कि वे आईबीएन समूह के हितों की पूरी चिंता करेंगे और किसी भी कीमत पर उसके खिलाफ आम आदमी का कोई आंदोलन खड़ा नहीं होने देंगे।
मीटिंग के दौरान ही श्री बहल ने एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि अपने राजनीतिक गेम प्लान के बारे में उन्होंने बड़े भैय्या (अंबानी ब्रदर्स) से पहले ही बात कर ली थी। बड़े भैय्या ने उनसे कहा था कि तुम लोग जाकर राजनीति करो, पत्रकारिता करने का जिम्मा वह अपनी पीआर एजंसी को सौंप देंगे।
(किसी वास्तविक घटना से जुड़ी काल्पनिक रिपोर्टिंग जिसका वास्तविकता से कुछ लेना देना नहीं है।)
Sabhar- visfot.com