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अमर उजाला, लखनऊ के पत्रकार मनोज श्रीवास्तव का हार्ट अटैक से निधन

एक दुखद खबर बनारस से आ रही है. अमर उजाला में कार्यरत पत्रकार मनोज श्रीवास्तव का हार्ट अटैक से निधन हो गया. मनोज अमर उजाला लखनऊ में लंबे समय से कार्यरत थे और कुछ माह पहले ही तबादला कराकर बनारस आए थे. मनोज की पत्नी बनारस में शिक्षिका हैं. सिगरा महमूरगंज में मनोज और उनकी पत्नी ने एक फ्लैट खरीदा और इसी में रह रहे थे. पत्नी पढ़ाने गई हुई थीं. मनोज की इकलौती संतान उनकी बिटिया झांसी से एमबीबीएस कर रही हैं. घर पर मनोज अकेले थे और अमर उजाला आफिस जाने के लिए तैयार होकर निकल रहे थे.
फ्लैट का ताला लगाते वक्त उन्हें हार्ट अटैक हुआ और वहीं गिर पड़े. करीब घंटे भर बाद लोगों ने उन्हें गिरे देखा तो अस्पताल ले गए जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि मनोज का शव लखनऊ लाया जा रहा है जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. मनोज श्रीवास्तव विशेष संवाददाता के पद पर अमर उजाला में कार्यरत थे और यूपी के मान्यता प्राप्त पत्रकार थे. अभी तक उन्होंने हजारों बाइलाइन खबर लिखी होंगी जिसमें सैकड़ों खबरें फ्रंट पेज पर आल एडिशन छपी हैं.
मनोज बेहद विनम्र, मृदुभाषी, मिलनसार और लो प्रोफाइल जर्नलिस्ट थे. वे अपने काम से काम रखते थे और अपने काम को पूरी तल्लीनता से करते थे. पत्रकारिता में सरोकार और आम जन की आवाज को प्रमुखता से उठाने वालों में से थे. लखनऊ में लंबे समय से रहने के कारण वह अब अपने परिवार के साथ बनारस रहना चाह रहे थे इसी कारण उन्होंने बनारस तबादला कराने के लिए अमर उजाला प्रबंधन को अर्जी दी. अमर उजाला प्रबंधन मनोज को  लखनऊ से मुक्त नहीं करना चाह रहा था लेकिन उनकी जिद के कारण उनका तबादला बनारस कर दिया.
न्यूज कवरेज के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ वरिष्ठ पत्रकार मनोज श्रीवास्तव. (फाइल फोटो)
RIP :  मनोज के निधन की सूचना से लखनऊ और बनारस के मीडिया जगत के लोग स्तब्ध हैं. मनोज की उम्र करीब 50 वर्ष के आसपास रही होगी. लखनऊ के पत्रकारों प्रद्युम्न तिवारी, सिद्धार्थ कलहंस आदि ने मनोज के निधन पर शोक जाहिर किया है. इन लोगों का कहना है कि उन्हें अभी तक भरोसा नहीं हो रहा कि मनोज उनके बीच से चले गए. लखनऊ के पत्रकार Siddharth Kalhans अपने फेसबुक वॉल पर लिखते हैं : ''प्रिय साथी मनोज श्रीवास्तव, अमर उजाला का देहावसान हो गया है। वाराणसी में अमर उजाला में फिलवक्त काम कर रहे मनोज जी का निधन आज सुबह 11 बजे कार्यालय जाते समय हुआ। मनोज जी की पत्नी राजघाट कालेज में रीडर हैं और परिवार में एक पुत्री है। मनोज श्रीवास्तव के माता-पिता का निधन पहले हो चुका है। मनोज श्रीवास्तव नवजीवन, दैनिक जागरण, करंट वीकली, आयडियल एक्सप्रेस में काम कर चुके थे। बीते दो दशक से वो अमर उजाला ब्यूरो में कार्यरत थे।''
लखनऊ के पत्रकार Utkarsh Sinha का कहना है कि मनोज का जाना उनके लिए बहुत ही निजी क्षति है ...श्रद्धांजलि.  पत्रकार Hemant Tiwari फेसबुक पर लिखते हैं- ''मनोज का जाना अत्यंत दुखद है। परमपिता परमेश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। एक उच्च कोटि के पत्रकार का असमय अवसान पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है और मेरे लिए तो नितान्त निजी। श्रद्धांजलि।''
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ व जाने माने पत्रकार मनोज श्रीवास्तव के देहावसान पर उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति ने दुख व्यक्त करते हुए उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना जतायी है. समिति के सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने कहा कि मनोज श्रीवास्तव अपनी जनपक्षधर, मानवीय संवेदना से परिपूर्ण और तथ्यपरक रपटों के लिए हमेशा जाने जाएंगे. मनोज की अयोध्या, बाबरी मस्जिद विवाद की खबरें हमेशा इतिहास का हिस्सा रहेंगी. मनोज श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब के कार्यकारिणी के सदस्य रह चुके हैं. मनोज जी की पत्नी राजघाट कालेज में रीडर हैं और परिवार में एक पुत्री है. मनोज श्रीवास्तव के माता-पिता का निधन पहले हो चुका है. मनोज श्रीवास्तव नवजीवन, दैनिक जागरण, करंट वीकली, आयडियल एक्सप्रेस में काम कर चुके थे. बीते दो दशक से वो अमर उजाला ब्यूरो में कार्यरत थे.
Sabhar- Bhadas4media.com