आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित रैली में राजस्थान के किसान गजेंद्र की आत्म-हत्या के बाद ही राजनीतिक पार्टिओ का खेल शुरू हो गया।
सवाल आता है कि आखिर कौन है किसान की मौत का जिम्मेदार है .
गरीबी और भुखमरी से तंगहाल किसान कब तक मौत को गले लगाता रहेगा।
हर स्टेट में किसान अपनी गरीवी के बोझ के नीचे दबा जा रहा है। वही उत्तर प्रदेश सरकार मुआवजे के बदले जो चेक दे रहा है उसकी राशि इतनी कम है कि उस पैसे से दो दिन गुजारा नहीं हो सकता है।