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दैनिक जागरण मुरादाबाद में संपादक का आतंक

दैनिक जागरण मुरादाबाद में इस समय आतंक का माहौल है। बताया जाता है कि इस समय संपादकीय के सारे साथी संपादक के रवैये से परेशान हैं। इसी वजह से एक के बाद एक आदमी यहां से कम होता जा रहा है। जब से संपादक धर्मेंद्र किशोर त्रिपाठी यहां कार्यभार ग्रहण किए हैं तब से आधा दर्जन से अधिक लोग अखबार छोडकर जा चुके हैं। सबसे पहले यहां से सब एडिटर लवलेश पांडे संपादक की गाली गलौज से त्रस्त होकर अखबार छोडे। उसके बाद मणिकांत शर्मा ने हिंदुस्तान ज्वाइन कर लिया। इसके बाद डेस्क से सीनीयर साथी रमेश मिश्रा संपादक के रवैये से त्रस्त होकर अखबार छोड गए। इसके बाद अभिषेक आनंद ने अखबार छोडकर हिंदुस्तान हल्द्वानी ज्वाइन कर लिया।
अब हालत ये हैं कि कई और सीनीयर साथी अखबार छोडने का मन बना रहे हैं। बताया जाता है कि सिटी के एक साथी दूसरे अखबार में जगह तलाश रहे हैं। ये पिछले दिनों एक बड़े अखबार में इंटरव्यू देकर आये थे। इसके बाद संपादक ने सारे ब्यूरो चीफ बदल डाले। सबसे सीनीयर सिटी इंचार्ज संजय रूस्तगी को संभल जैसे छोटे और अविकसित जिले में भेज दिया लेकिन वह नहीं गए। अमरोहा के इंजार्ज अजय यादव को भी हटा दिया जिस पर उन्होंने भी अखबार को विदा कर दिया लेकिन संपादक रामपुर के मजबूत माने जाने वाले मुस्लेमीन को नहीं हटा पाये जो करीब दस सालों से रामपुर में टिके हैं और आजम की जी हुजूरी में ही लगे रहते हैं।
इस समय ये हालत है कि संपादक ने अपना एक चेला पाल रखा है जो उनके निजी टाइप ढेर सारे वैध अवैध काम देखता है। ये चेला कुछ काम नहीं करता बस पूरे न्यूज रूम में शेरोशायरी करता रहता है। जिस दिन संपादक अवकाश पर अपने गृह नगर कानपुर जाते हैं उस दिन वह भी साथ जाता है। इसकी पुष्टि संपादक के अवकाश के दिन और उस जूनियर रिपोर्टर चेले के अवकाश के दिनों को टैली करके किया जा सकता है। दोनों के अवकाश के दिन एक ही होते हैं। संपादक ने इस जूनियर रिपोर्टर की प्रेस मान्यता भी दैनिक जागरण से करा दी है। बताया जाता है कि दीपावली पर उपहारों से भरी तीन गाड़ियां कानपुर की ओर गईं जिन पर चेले सवार थे। न्यूज रूम की हालत ये है कि दोपहर में आने के बाद संपादक सहयोगियों को किसी न किसी बहाने गरियाना शुरू कर देते हैं और बुरी बुरी गालियां देते हैं। यदि यही हाल रहा तो कई साथी अखबार को छोडकर जा सकते हैं। मालिक और अधिकारी इस पर ध्यान दें नहीं तो मुरादाबाद की हालत बहुत बुरी हो जाएगी।
एक पीड़ित पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित
Sabhar- Bhadas4media.com