राष्ट्रभक्ति में सुधीर चौधरी का ओवरटाइम
बदनाम हुए तो क्या, नाम तो हुआ. ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी की जिंदगी का यही फलसफा है और दुनियादारी की नज़र से देखिये तो वे अपने फलसफे में कामयाब भी हैं. यदि जनाब कामयाब ना होते तो उमा खुराना फर्जी स्टिंग प्रकरण और सौ करोड़ उगाही मामले में जेल जाने के बाद भी आज न्यूज़रूम में बैठकर ज्ञान नहीं बांच रहे होते. हर किसी का डीएनए नहीं कर रहे होते.
बहरहाल सुधीर चौधरी टेलेंटेड आदमी तो है ही. मौके पर चौका मारना भी बखूबी जानते हैं. इसलिए जब उन्हें मौका मिला और ख़बरों की दलाली के आरोप में जेल यात्रा कर वापस लौटे तो पहचान और दाग-धब्बों को मिटाने के लिए सजग और सक्रिय हुए और यूँ ज़ी न्यूज़ पर ‘डीएनए’ की उत्त्पति हुई.
‘डीएनए’ की बेहतर पैकेजिंग और सुधीर चौधरी की बेहतरीन प्रस्तुति ने जल्द ही इसे चोटी के कार्यक्रमों की श्रेणी में ला खड़ा किया.लेकिन इसके बाद इसमें सुधीर ने एजेंडा सेटिंग का काम शुरू कर दिया. इसके जरिए विरोधियों पर व्यंग्यवाण छोड़े जाने लगे. विरोधी तो विरोधी पत्रकारों को भी निशाने पर लिया जाने लगा. सुधीर ने डिजायनर पत्रकार, अफजल प्रेमी गैंग के पत्रकार जैसे शब्द गढे और अपने दर्शकों के बीच उसको फैलाया. जेएनयू देशद्रोह मामले में भी यही रवैया रहा. अब सर्जिकल स्ट्राइक मामले में भी सुधीर चौधरी अपने कार्यक्रम डीएनए के माध्यम से यही काम पूरे जोर – शोर से कर रहे हैं.
हाफिज सईद को चुनौती दे रहे हैं. पाकिस्तान के मुद्दे पर केजरीवाल और डिजायनर पत्रकारों को घेर रहे हैं और इस सब के मध्य ख़बरों के बीच कुछ ऐसे घिर गए हैं कि पत्रकारिता का ओवरटाइम भी कर रहे हैं और ये बात हम मजाक में नहीं कह रहे. दरअसल आज (3 सितंबर) सुधीर चौधरी ने वाकई में डीएनए में ये कहते हुए ओवरटाइम किया कि अभी ढ़ेरों ख़बरें हैं इसलिए 10.30 के बाद भी डीएनए जारी रहेगा. तो हो गया न राष्ट्रभक्ति में सुधीर चौधरी का ओवरटाइम.
इसी ओवर टाइम पर सोशल मीडिया पर एक डीएनए के प्रशंसक दर्शक लिखते हैं –
राष्ट्रभक्ति में आज ओवरटाइम।10.30 बजे के बाद भी DNA चालू।उम्मीद है कि आज ही निपट जाएगा पाकिस्तान।Sabhar- mediakhabar.com