चलिए उन पत्रकारों की बात करे जिसे पत्रकारिता का पा नहीं आता है। मगर प्रेस कॉन्फ्रेस -फ़िल्मी पार्टियो में चौडे होकर पत्रकार होने का दावा थोक देते है। किसी के साथ फोटो करने का मतलब ये बिलकुल नहीं कि आपके उस व्यक्ति विशेष से घरेलु या घनिष्ठ सम्बन्ध है। हां कुछ लोगो से हो सकते है परंतु पूरे दुनिया में हो। ये तो वो बात हो गई। . लम्बी लंबी कैसे छोड़े।
ऐसे कुछ छोड़ू दास पत्रकार हर शहर में मिलते है। सच कहू तो ये लोग अपने नंबर बढ़ाने की फिराक में घूमते रहते है और दूसरो को चु समझते है। खैर पत्रकारिता का स्तर भारत के हर शहर में गिर रहा है। मैं तो कुछ लोगो से मिलकर हैरान हो जाता हू । आखिर ये लोग अपने आपको पत्रकार क्यों घोषित कर रहे है। कहानी लम्बी है दोस्तों मैं अपने अनुभव शेयर करता रहूगा।
एडिटर
सुशील गंगवार
साक्षात्कार डॉट कॉम
ऐसे कुछ छोड़ू दास पत्रकार हर शहर में मिलते है। सच कहू तो ये लोग अपने नंबर बढ़ाने की फिराक में घूमते रहते है और दूसरो को चु समझते है। खैर पत्रकारिता का स्तर भारत के हर शहर में गिर रहा है। मैं तो कुछ लोगो से मिलकर हैरान हो जाता हू । आखिर ये लोग अपने आपको पत्रकार क्यों घोषित कर रहे है। कहानी लम्बी है दोस्तों मैं अपने अनुभव शेयर करता रहूगा।
एडिटर
सुशील गंगवार
साक्षात्कार डॉट कॉम