रोहित की इस अद्वितीय परिधान के चर्चे न केवल भारत बल्कि पुरे विश्व में चर्चा में है, क्योकि महाकुम्भ मेले में पुरे विश्व से श्रद्धालु यहाँ पधारते है। महाकुम्भ में विदेशी मेहमानों का इस कदर जमावड़ा होता है कि देशी मेहमान तो उनके फैशन के दीवाने हो जाया करते है परन्तु रोहित की यह ड्रेसेस सबकी आँखों का तारा बन देश के धार्मिक देशी बाजार में विदेशी फैशन का तड़का लगा रहे है जिसका जादू सबके सिर चढ़कर ही बोल रहा है।
अपने महाकुम्भ संग्रह पर अधिक रोशनी देते हुए रोहित कहते हैं, "भारत में लोग बहुत ही आध्यात्मिक हैं यदि आप महिलाओं को अपने नज़र से देखते हैं तो वे जो गहने पहनते हैं वह देवी पार्वती या दुर्गा से प्रेरित हैं। मैं अपने संग्रह के माध्यम से हमारी अपनी संस्कृति को दोहराना चाहता हूँ और हमारे बहुत प्राचीन महाकुम्भ मेले से बेहतर कौन है जो हमारी संस्कृति के बारे में बता सके जो हमारे देश में कई वर्षों से चल रहा है। मैं चाहता हूं कि लोग मेरे संग्रह से जुड़े, मुझे यकीन है कि मेरा संग्रह को लोग प्यार करेंगे और इसे पहनने का आनंद लेंगे। "
उन्होंने आगे कहा "सिंदूरी और लाल रंग का व्यापक रूप से उपयोग किया गया है क्योंकि उन्हें आध्यात्मिक रंग माना जाता है ओम, हरे हरे जैसे ईश्वरीय शब्द आप मेरे प्रिंट डिजाइनों में देखेंगे। चूंकि मेरे डिजाइनों की प्रेरणा महाकुंभ आधारित है इसलिए अधिकतर यह ईश्वरीय संकेत और प्रतीकों को दर्शाएगा।"