आशा खटाऊ द्वारा "नौवेल्ले इंडियन क्यूजिन" एपिकूर सीरीज में सर्वश्रेष्ठ पुस्तक, आशा खटाऊ द्वारा नौवेल्ले भारतीय क्यूजिन पारंपरिक भारतीय व्यंजनों के लिए एक आधुनिक और प्रयोगात्मक दृष्टिकोण है। पाक की रानी आशा खटाऊ ने अपनी किताब, नौवेल्ले इंडियन क्यूजिन का अनावरण आधिकारिक तौर पर ३० नवंबर २०१७ को मुख्य अतिथि अमृता फडणवीस, अनुराधा पौडवाल और शेफ विकी रतननी की उपस्थिति में किया गया।
एक दशक पहले शुरू हुआ नौवेल्ले भारतीय क्यूजिन जो फ़्रेंच नौवेल्ले क्यूजिन से प्रेरित है,जो अब मुख्यधारा बनने के अपने रास्ते पर है। इस व्यंजनों की पहचान एक आधुनिक शैली में मसालेदार ढंग से बनाया जाता है जो खाने में हल्का भी है।
इस पुस्तक में विशेष रूप से दिए गए व्यंजन की पाक विधि पारंपरिक भारतीय जायके का उपयोग किया गया हैं, जबकि उन्हें आधुनिक पाक कला के रुझान के साथ संजोया गया हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो पश्चिमी संवेदनाओं के साथ तैयार भारतीय भोजन और प्लेटिंग की एक आधुनिक शैली में इसे विशिष्ट रूप से अनोखा बनती हैं।
आशा खटाऊ शाकाहारी खाना पकाने के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं। अपने परिवार और दोस्तों के लिए यादगार भोजन उपलब्ध कराने में बीस साल के अनुभव के बाद, आशा खटाऊ को अठारह साल पहले अपनी स्वयं की खाना पकाने की पाठशाला शुरू करने के लिए राजी किया गया, जो 'एपीक्यूअर' के नाम से चलते हैं। इस पाठशाला में दुनिया भर के क्षेत्रीय व्यंजनों को पेश किया जाता। साथ ही आशा खटाऊ ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी खाना पकाने का प्रदर्शन किया है। भारत और विदेशों में उनके व्यापक यात्रा के दौरान, वह हमेशा ध्यान रखती है की वह स्थानीय बाजारों और रेस्टोरेंट्स के प्रामाणिक जायके और सामग्री का स्वाद ले।
आशा खटाऊ अब तक दस और पुस्तकें वितरित की हैं और उनमें से प्रत्येक पुस्तक सफल है। वर्ल्ड मीडिया अवार्ड्स २००६ में उनकी पुस्तक, डेलेक्टेबल डेसर्ट्स ऑफ़ द वर्ल्ड, को विश्व श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ विदेशी रसोई की किताब के रूप में एक सम्माननीय उल्लेख मिला है। २०११ के पेरिस बुक मेला में गौर्मैंड वर्ल्ड कुकबुक अवार्ड्स में, विश्व के रोमांचक शाकाहारी व्यंजनों ने उन्हें शाकाहारी व्यंजनों पर अपने शोध के लिए 'विश्व में शीर्ष दस शेफ' में रखा गया है।
आशा खटाऊ ने कहा "मुझे विश्वास है कि मेरा खाना पकाने का अनूठी शैली पुस्तक के ज़रिये व्यक्त करने का एक शानदार तरीका है, मैं लोगों के बारे में चिंतित नहीं थी मैं हर जाइके स्वाद के साथ खेलती रही, कई सारे प्रयोग किए जो कि बहुत ही मज़ेदार था और इसके अंत में, दुनिया भर की फ्लेवर को एक साथ प्लेट पर एक साथ लाने की कोशिश में सफल रही।"
सुश्री अनुराधा पौडवाल ने कहा, "आशा जी हमारे परिवार का हिस्सा है, वह मेरे लिए एक छोटी बहन की तरह है। उसने इस पुस्तक में एक शानदार काम किया है मैं अमृता जी की आभारी हूँ की उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम से कुछ समय निकले और धन्यवाद देना चाहूंगी की हमारे अनुरोध पर इस पुस्तक के शुभारंभ के लिए आए। यह किताब केवल अपनी सामग्री के लिए विशेष नहीं है बल्कि यह भी है कि वह ६० वें वर्ष में प्रवेश कर रही है, उससे यह और भी अधिक खास बना देता है। जहां तक अमृता जी का संबंध है , मैं यह सकती हूं कि हमारे पास सबसे अच्छी महिला है जिसपे हमे गर्व है "