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9 शों में की गई टारगेट इंडिया की शूटिंग









देशभक्ति से जुड़ी अब तक कई फिल्में बन चुकी हैं जिनमें कई फिल्मों से इतिहास रचा। चूंकि अब दुनिया भर में आतंक का खतरा बढ़ रहा है इसलिए आतंक के खिलाफ लोगों को सचेत करना भी जरूरी है। साथ ही उन जवानों का हौसला बढ़ाने की भी जरूरत है जो सीमाओं पर देश की सुरक्षा में लगे हैं। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी बीएसएफ किस तरह आतंकियों को देश में आने से रोकने के लिए प्रयासरत है, किस तरह उनके जवान खतरा उठाते हुए सीमाओं पर मुस्तैद हैं, उसे दिखाने के लिए निर्माता-निर्देशक विजय सक्सेना ने इस बार सिनेमा का ही सहारा लिया ताकि जनता के सामने तस्वीर साफ हो सके कि बीएसएफ के जवान किस तरह खतरा उठाकर देशवासियों की रक्षा कर रहे हैं जिसमें उन्हें दिल्ली पुलिस,एसएस​बी, आर्मी एयरफोर्स और सीआरपीएफ का भी सहयोग मिला। 

     वीएसम्यूजि़क यूएसए और साईं नागराज फिल्म्स के बैनर तले रोमांस और एक्शन पर आधारित प्यार का मौसम, जीना तो है, लंदन किलर, डॉन के बाद कौन आदि 9 फिल्में और डीडी के लिए सीरियल वतन के रखवाले बना चुके विजय सक्सेना ने इस बार बीएसएफ पर फोकस किया और अपनी दसवीं फिल्म टारगेट इंडिया में उन जांबाज़ जवानों को भी शामिल किया, जो वास्तव में देश की सुरक्षा में लगे हैं। टारगेट इंडिया देश की पहली ऐसी फिल्म है जिसमें बीएसएफ, सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के असली जवानों को दिखाया गया है। इतना ही नहीं, फिल्म को पार्लियामेंट हाउस में भी शूटिंग करने की अनुमति दी गई क्योंकि फिल्म का मकसद पैसा कमाना नहीं, बल्कि देश की जनता को जागरूक करना है। विजय सक्सेना कहते हैं कि करीब 50 कलाकारों को लेकर बनाई जा रही मेरी फिल्म की शूटिंग दुबई, हांगकांग, बैंकाक, सींगापुर, चीन, मलेशिया, बंगलादेश, नेपाल आदि कुल 9 देशों में की गई है। खास बात ये है कि हमने सभी इंटरनेशनल बॉर्डर्स पर फिल्म के कई हिस्सों को शूट किया है। 

     फिल्म में चार फेस्टिवल्स भी देखने को मिलेंगे। आमतौर पर ऐसे त्यौहार ही आतंकियों के निशाने पर होते हैं। हमने ईद, छठ पूजा, गणपति पूजा और 26 जनवरी के दृश्य दिखाए हैं जब आतंकी हमला करने की कोशिश करते हैं। ये आतंकी कोई और नहीं, आईएसआईएस है, जो राष्ट्रपति तक यह संदेश पहुंचाता है कि आपके हिंदुस्तान में जितने भी जवान हैं, लगा लो लेकिन हम दिल्ली में तिरंगा नहीं, अपना झंडा लहराएंगे। निर्माता का कहना है कि फिल्म के जरिए हमारा मकसद सीमा सुरक्षा बल की ताकत दिखाना है, जो कितनी मुस्तैदी के साथ सीमाओं की सुरक्षा कर रही है।