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डाऊ ने क्यों की जासूसी


डेटलाइन इंडिया
नई दिल्ली, 28 फरवरी-  खोजी इंटरनेट साइट विकीलीक्स ने सनसनीखेज खुलासा किया कि डाउ केमिकल्स कंपनी ने भोपाल में गैस त्रासदी को लेकर आंदोलरत संगठनों और कार्यकर्ताओं पर जासूसी की थी। विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे ने जिन दस्तावेजों को जारी किया है उनके अनुसार डाउ केमिकल्स ने एक खुफिया सूचना संग्रह एवं विश्लेषण संस्था स्ट्राटफोर के जरिए भोपाल में खुफियागिरी कराई थी। स्ट्राटफोर गैस पीड़ितों को राहत दिलाने के लिए सक्रिय कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर नजर रखती थी।

विकीलीकस के खुलासे में कहा गया है कि खुफिया संस्था स्ट्राटफोर ने भोपाल के सामाजिक कार्यकर्ताओं के बारे में छोटी से छोटी सूचनाएं एकत्र की मसलन वह किससे क्या बात कर रहे हैं। श्कहां जा रहे हैंश् अदालती कार्यवाही में क्या हो रहा है। ये सारी सूचनाएं भोपाल संयंत्र की मालिक कंपनियों, यूनियन कारबाइड और डाउ केमिकल्स तक पहुंचाई जाती थीं। यह पता लगाया जाता था कि कौन लोग कंपनी के मददगार साबित हो सकते हैं।

सांजे ने दावा किया है कि उनके पास स्ट्राटफोर की ओर से भेजे गए 50 लाख ई मेल संदेश हैं जिन्हें क्रमशरू जारी किया जाएगा। विकीलीक्स के अनुसार स्ट्राटफोर डाउ केमिकल्स, लाकहीड मार्टिन, नाथरोप ग्रूम्मन और रेथिआन जैसी बड़ी कंपनियों के लिए काम करती थी। यह संस्था केवल मुखबिरों के जरिये सूचनाएं ही एकत्र नहीं करती थी बल्कि अपने मुवक्किलों का हित साधने के लिए अनैतिक हथकंडों का भी इस्तेमाल करती थी। खुलासे के अनुसार स्ट्राटफोर मुखबिरों को स्विटजरलैंड जैसे देशों के बैंकों के जरिये धनराशि का भुगतान करती थी। मुखबिरों में सरकारी कर्मचारी, राजनयिक और पत्रकार शामिल है
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