कुछ दिनों पहले ही अपने साले निर्मलजीत नरुला उर्फ निर्मल बाबा की करतूतों का भंडाफोड़ कर सुर्खियां बटोर रहे चतरा के निर्दलीय सांसद इंदर सिंह नामधारी अब ‘पैच-अप’ में जुट गए मालूम पड़ते हैं। झारखंड के बोकारो में नामधारी ने न सिर्फ बाबा का जोरदार बचाव किया, बल्कि टीवी चैनलों पर भी दोहरा चरित्र अपनाने का दोष लगाते हुए उन्हें जम कर कोसा।
नामधारी को अब निर्मल बाबा की पुरानी बातें याद आने लगी हैं। उन्होंने एक भक्त की तरह पत्रकारों से कहा कि बाबा में कुछ न कुछ सिद्धियां तो जरूर हैं। उन्होंने बताया कि कई चीजों के बारे में निर्मल बाबा को पहले ही आभास हो जाता है। उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में पहली बार अपने साले का जमकर बचाव किया।
नामधारी ने किसी राज की तरह बताया कि जब 3 दिसंबर 2011 को झारखंड में उनके ऊपर नक्सली हमला हुआ था, उससे आठ दिन पहले ही निर्मलजीत उर्फ निर्मल बाबा ने उन्हें सावधान किया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित आवास में कहा था, ‘‘आपके ऊपर खतरा संभावित है, बुलेटप्रुफ वाहन में चला करें।” इस पर मैंने कहा था, ‘‘जब भगवान को मारना होगा, तो कोई नहीं बचा पाएगा और यदि जीवन बचना होगा, तो कोई मार नहीं पाएगा।” याद करते हुए नामधारी ने आगे कहा, ‘‘जब मैने निर्मल की बात पर ध्यान नहीं दिया, तो देखा कि मेरी पत्नी के सामने उसकी की आंखों में आंसू आ गए थे।”
‘‘ मेरी पत्नी को उसने कहा था, जीजाजी मुझे कभी गंभीरता से नहीं लेते।” नामधारी ने आगे बताया कि जब उनके काफिले पर नक्सली हमला हो गया, तो उसके एक हफ्ते बाद फिर दिल्ली स्थित आवास पर निर्मलजीत आए और कहा कि खतरे की बात आपको पहले ही बताई थी। इस पर नामधारी ने कहा था कि बुलेटप्रूफ गाड़ी वाले उड़ गए, लेकिन बिना बुलेटप्रूफ के ही भगवान ने उन्हें बचा लिया।
सूत्रों का कहना है कि नामधारी पिछले कुछ दिनों से भारी घरेलू दबाव में थे। उनकी पत्नी अपने सगे भाई के चरित्र हनन में अपने पति की भूमिका से नाराज़ तो थी हीं, बच्चे भी तकरीबन हर रोज फोन कर उन्हें अपने मामा जी के पक्ष में बोलने के लिए कहते थे। नामधारी का परिवार निर्मल बाबा से खासी नज़दीकियां रखता है और उनकी ‘शक्तियों’ से खासा प्रभावित है।
नामधारी ने यहां सोमवार को मीडिया से बातचीत में इलेक्ट्रानिक मीडिया पर जमकर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि निर्मल बाबा पर एक अंगुली उठाने पर तीन अंगुलियां मीडिया पर ही उठेंगी। 35-36 चैनलों पर निर्मल बाबा का आत्म प्रचार विज्ञापन के रूप में चल रहा है। जिन चैनलों ने निर्मल बाबा को बेनकाब करने का बीड़ा उठाया है, उन्हीं चैनलों पर अभी भी निर्मल बाबा के कामर्शियल विज्ञापन चल रहे हैं।
उन्होंने चैनलों पर आरोप लगाया कि वे दोहरे चरित्र वाले हैं और पैसे के साथ-साथ पब्लिसिटी भी कमाना चाहते हैं। नामधारी ने पत्रकारों से ही सीधा सवाल किया, ‘‘अगर इन चैनलों का ईमान अचानक जाग ही गया है तो क्या वे एडवांस में ली गई रकम लौटा कर कार्यक्रम बंद नहीं कर सकते?”
Sabhar- Mediadarbar.com