अंग्रेजी टैबलॉयड मेल टुडे ने जब इस बारे में एक्सप्रेस के संपादक शेखर गुप्ता से बातचीत करनी चाही तो उन्होंने टका सा जवाब दे दिया कि वो बात नहीं करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या विनोद मेहता का इंटरव्यू उन्हें बदनाम करने के लिए था, तो उनका जवाब था, मैं इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहता। आप हमारे लीगल डायरेक्टर से बात कर लीजिए।
विनोद मेहता ने नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इसका जवाब खुली बहस में देना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें लीगल नोटिस से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन इस तरह के मामलों को अदालत की बजाय टीवी पर बहस के जरिए निपटाए जाते तो बेहतर होता।
नोटिस में दोनों को माफीनामा छापने के अलावा इंडियन एक्सप्रेस, शेखर गुप्ता और तीन अन्य पत्रकारों के अकाउंट में 100-100 करोड़ जमा करने की मांग की गई है। नोटिस के जरिए गुप्ता ने ओपन के अलावा आउटलुक पर भी हमला बोला है। उन्होंने संपादकों की जिम्मेदारी याद दिलाते हुए आउटलुक पर रतन टाटा की छवि खराब करने के भी आरोप लगाए हैं।
Sabhar- mediadarbar.com