महा भड़ासी और भड़ास ब्लाग के पितामह डॉ. रुपेश श्रीवास्तव नहीं रहे.
भड़ास के जनक, आयुर्वेदाचार्य डॉ. रुपेश श्रीवास्तव. |
एक डॉ. रुपेश श्रीवास्तव था एक दिन वो मर गया......
ये वाक्य अचानक से कानों में जहर घोलने लगे हैं, जी हाँ ये वाक्य जो हमारे गुरुदेव का तकिया कलम जैसा था, बस एक वाक्य और सबको चुप करना.
लिखने पढने कहने सुनने कि हालत में नहीं हूँ, डॉ. साहब कि आवाज, गल्बहलिया, साथ मानों सब सामने से जाने का नाम नहीं ले रहा है. समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करूं ?? क्या लिखूं ??