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आखिर क्यों है भीख मांगने पर मजबूर पत्रकार ?

पत्रकार क्यों भीख मागते है अपने खर्चे को चलाने के लिए ? जिसमे बोटी के साथ दारु की बोतल की डिमांड की जाती है अब समझ में नहीं आता है आखिर माजरा क्या ? मीडिया की खबरों वाला पोर्टल भड़ास ४ मीडिया डाट काम हर तीन चार महीने बाद पैसे की डिमांड जनता से करने लगता है | खर्चो की पूरी लिस्ट छाप देता है इतने महीने का खर्चा इतना है नहीं तो पोर्टल बंद हो जायेगा | भाई अगर पोर्टल बंद हो जायेगा तो दूसरा आ जायेगा ? जनता को क्यों टेंशन देते हो |
मार्केटिंग गुरु फिलिप ने लिखा है अगर मार्केट में एक चीज आनी बंद हो जाती है तो दूसरी चीज मार्केट में चलने लगती है कल मेरी बिहार मीडिया डाट काम के संपादक मदन तिवारी जी से बात हो रही थी तो मैंने पूछा आपके बड़े छोटे यशवंत भाई क्या क्या हाल है पता नहीं तिवारी जी ने झट से टाइप करके लिख दिया |

भड़ास मर गया ? फिर मैंने पूछ भाई ऐसा क्यों ? आज कल यशवंत माल कमाने पर लग गया है | अगर यशवंत सिंह माल कमा रहे है तो जनता को क्यों मूर्ख बना रहे है क्या ये सब माल खीचने का ढोग है ? हम भी उसी हालत से गुजर रहे है जिसमे एक गरीव पत्रकार गुजरता है |

एडिटर
सुशील गंगवार