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नया मीडिया को अब दबाया नहीं जा सकता : राहुल देव

”नया मीडिया की ताकत पर चर्चा बेकार है। क्‍योंकि यह निर्विवाद है कि इसकी शक्ति दिनोंदिन बढ़ती ही जाएगी। इसे दबाया नहीं जा सकता। यह परम शक्तिशाली है।” ये बातें ‘जनसत्ता’ के पूर्व संपादक एवं वरिष्‍ठ पत्रकार श्री राहुल देव ने कही। वे प्रवक्ता डॉट कॉम के पांच साल पूरे होने पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। गत 18 अक्टूबर 2013 को स्‍पीकर हॉल, कां‍स्‍टीट्यूशन क्‍लब, नई दिल्‍ली में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहयोग से संपन्न इस संगोष्ठी का विषय था- ”नया मीडिया एवं जन-संवाद।”
श्री राहुल देव ने इस संगोष्ठी की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिंदी जगत में ऐसे कार्यक्रम का आयोजन दुर्लभ है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय है। उन्होंने अपने प्रिय विषय भाषा के सवाल को उठाते हुए कहा, ”मुझे अंग्रेजी से समस्या नहीं है। अंग्रेजी का घनघोर प्रेमी हूं। मैंने शुरूआती पत्रकारिता 9 सालों तक अंग्रेजी में की है।” श्री देव ने हिंदी भाषा को लेकर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि हम जाने-अनजाने हिंदी की हत्‍या कर रहे हैं। हम जो भाषा बोल और लिख रहे हैं, वह नयी पीढ़ी के लिए भाषा का निर्माण करती है। कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम हिंदी के होकर हिंदी में बात नहीं रख पा रहे हैं।
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श्री राहुल देव ने विचारधाराओं में व्याप्त अतिवाद पर प्रहार करते हुए कहा कि राष्‍ट्रवाद और मार्क्सवाद, दोनों तरफ बीमारी है। उन्होंने आगे कहा कि जो अपने को राष्ट्रवादी नहीं कहते, उनकी देशभक्ति पर शक नहीं करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में राष्ट्र से बड़ा विश्व है अत: हमें वैश्विक दृष्टिकोण भी रखना चाहिए।
संगोष्ठी‍ को संबोधित करते हुए बॉडकास्ट एडिटर्स एसोशिएशन के महासचिव एवं लाइवइंडिया इलेक्ट्रॉनिक चैनल के प्रधान संपादक श्री एन. के. सिंह ने कहा कि नया मीडिया के चलते द्वितरफा संवाद संभव हो गया है। विचारों का आदान-प्रदान सहज हो गया है। उन्होंने कहा कि अन्ना आंदोलन हो या फिर निर्भया आंदोलन, तकनॉलोजी के इस्तेमाल से बड़ी संख्या‍ में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो सकी। उन्होंने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि कुछ लोग नया मीडिया का इस्तेमाल दंगा भड़काने को लेकर कर रहे हैं। ऐसे में इस मीडिया का दायित्व बढ़ जाता है कि वह समाज में चेतना जगाए और तर्कशक्ति को बढ़ाए।
श्री सिंह ने बाजार के गणित को समझाते हुए कहा कि अब इसका आक्रमण नया मीडिया पर भी शुरू होगा। सो, हमें सावधान रहना होगा।
वेबदुनिया डॉट कॉम के संपादक श्री जयदीप कर्णिक ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से आंकड़ों और तथ्‍यों के साथ नया मीडिया की व्यापकता और महत्ता को रेखांकित किया। श्री कर्णिक ने वेब मीडिया को अभिव्‍यक्ति का सशक्‍त माध्‍यम बताते हुए कहा कि बड़ी तेजी से इसका विकास हो रहा है। आज यह माध्यम अनेक लोगों तक पहुंचने लगा है। उन्होंने कहा कि परंपरागत मीडिया में जो चीजें संपादकीय नीति के तहत रोक दी जाती हैं, वे यहां आसानी से प्रकाशित और प्रसारित हो जाती हैं। आने वाले समय में नया मीडिया और मजबूत बनकर उभरेगा।
संगोष्ठी के प्रारंभ में प्रवक्ता डॉट कॉम के प्रबंधक श्री भारत भूषण ने स्वागत भाषण देते हुए अतिथियों का सम्मान किया और ‘प्रवक्ता’ के पांच साल के सफर के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि हमने निरंतरता और गुणवत्ता के साथ यह सफर तय किया है। प्रवक्ता पर स्वस्‍थ बहस चलाया, जिसके चलते पांच साल में पांच सौ से अधिक लेखक हमसे जुड़ गए और अब तक दस हजार से अधिक लेख हम प्रकाशित कर चुके हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, नोएडा परिसर के निदेशक श्री जगदीश उपासने ने कहा कि प्रवक्ता डॉट कॉम की पांच साल की यात्रा सफल रही है, वह भी गुणवत्ता के साथ। यह बड़ी सफलता है।
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श्री उपासने ने असहमति जाहिर करते हुए कहा कि नया मीडिया को लेकर चेतावनियां और अंदेशे जारी किए जाते हैं, इससे मैं सहमत नहीं हूं। नया मीडिया ने मीडिया माध्यम का विकेंद्रीकरण कर दिया है। उसने मुख्यधारा के मीडिया के एकाधिकार को तोड़ा है। उन्होंने कहा कि आज समय की जरूरत है कि सब तरह के संवाद हो। साथ ही उन्होंने कहा कि हर हाल में अभिव्‍यक्ति की स्वतंत्रता को बचाने की कोशिश करनी चाहिए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रवक्ता डॉट कॉम से जुड़े देश-विदेश के 16 हिंदी लेखकों को ‘प्रवक्ता सम्मान’ से सम्मानित किया गया। श्री राहुल देव ने सम्‍मानीय लेखकों को शॉल एवं प्रतीक चिन्‍ह भेंटकर सम्‍मानित किया। इस सत्र का संचालन प्रवक्‍ता डॉट कॉम के संपादक श्री संजीव सिन्‍हा ने किया। सम्मान पाने वाले लेखकों में श्री नरेश भारतीय (ब्रिटेन), प्रो. जगदीश्वर चतुर्वेदी (पश्चिम बंगाल) डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री (नई दिल्ली), श्री गिरीश पंकज (छत्तीसगढ़), श्री संजय द्विवेदी (मध्य प्रदेश), श्री आर. सिंह (नई दिल्ली), डॉ. राजेश कपूर (हिमाचल प्रदेश), डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ (राजस्थान), श्री विपिन किशोर सिन्हा (उत्तर प्रदेश), श्री राकेश कुमार आर्य (नई दिल्ली), श्री सुरेश चिपलूनकर (मध्यप्रदेश), डॉ. मनीष कुमार (नई दिल्ली), श्री राजीव रंजन प्रसाद (छत्तीसगढ़), श्री पंकज कुमार झा (छत्तीसगढ़) और मो. इकबाल हिंदुस्तानी (उत्तर प्रदेश) के नाम उल्लेछखनीय है। सम्मान पाने वाले लेखकों में डॉ. मधुसूदन (अमेरिका) का भी नाम था लेकिन वो कार्यक्रम में नहीं आ पाए।
इस समारोह में सुप्रसिद्ध साहित्‍यकार श्री कमल किशोर गोयनका, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष श्री राजकुमार भाटिया, शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के राष्‍ट्रीय सह संयोजक श्री अतुल कोठारी, राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ, झंडेवालान कार्यालय सचिव श्री गोपाल आर्य, भाजपा भारत-नेपाल सम्‍पर्क प्रकोष्‍ठ के राष्‍ट्रीय संयोजक श्री अजीत कुमार, माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय, नोएडा परिसर के प्राध्‍यापक डॉ. अरुण भगत, श्री सूर्यप्रकाश, श्री लालबहादुर ओझा व श्रीमती रजनी नागपाल, वरिष्‍ठ पत्रकार श्री धनंजय, वरिष्‍ठ स्‍तंभकार श्री अवधेश कुमार, सहारासमय के श्री आशुतोष भाटिया, मीडिया एक्टिविस्‍ट श्री अनिल सौमित्र, वरिष्‍ठ पत्रकार श्रीमती स्मिता मिश्र, इंडिया टुडे की फीचर एडिटर सुश्री मनीषा पांडेय, टीवी पत्रकार श्री उमेश चतुर्वेदी, संडे इंडियन के कार्यकारी संपादक श्री अनिल पांडेय, डॉ. सौरभ मालवीय, भड़ास4मीडिया डॉट कॉम के संपादक श्री यशवंत सिंह सहित नया मीडिया से जुड़े 300 से अधिक मीडियाकर्मियों की उपस्थिति उल्‍लेखनीय रही।
संगोष्‍ठी का कुशल संचालन ‘आजतक’ से जुड़े पत्रकार श्री विकास कौशिक ने किया एवं प्रवक्ता डॉट कॉम के संपादक श्री संजीव सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
Sabhar- Pravakta.com