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सिओल टाइम्स में छपा था चीन का नंगा सच, सेक्स के लिए पीते थे बच्चे का सूप


सिओल टाइम्स में छपा था चीन का नंगा सच, सेक्स के लिए पीते थे बच्चे का सूप

निया कितनी विचित्र है, इस बात का अंदाजा इस बात से चल जाएगा कि चीन में बेबी सूप पीने और खाने का काफी प्रचलन है। ऐसा चीनी क्यों करते हैं, उसका पीछे उनका दृष्टिकोण अलग है। कुछ ही समय पहले सिओल टाइम्स की इस खबर ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था। सोशल नेटवर्किग साइट पर इस खबर को लेकर काफी आलोचनाएं और कमेंट किए गए। 
 
अखबार और वेबसाइट पर छपी तस्वीरों ने आग में घी डालने का काम ही किया। इसमें मानव भ्रूण के सूप लोगों को बड़े चाव से पीते हुए दिखाया गया। चीन के दक्षिण गुआंगडोंग प्रांत के एक कस्बे में परंपरानुसार हर्बल बेबी सूप पीने का चलन बरसों से जारी है। माना जाता है कि यह सूप शरीर में स्टेमिना और सेक्स ताकत को कई गुना बढ़ा देता है।
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एक चीनी दंपती ने अखबार को बताया कि उनकी पहले से ही दो बेटियां थीं। जब उन्हें पता चला कि उनका अगला बच्च लड़की ही है, उसे तुरंत गिराने का फैसला कर लिया। उस दौरान महिला को पांच महीने का गर्भ था।
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जन्म के करीब और नेचुरल मृत नवजात बच्चों की कीमत दो हजार युआन (करीब बीस हजार रुपए) है। वहीं, जो गर्भ में गिराए जाते हैं, उनके कुछ सौ युआन में कीमत लगाई जाती है।
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ऐसे भी मां-बाप होते हैं, जो अपने मरे हुए बच्चों का सौदा नहीं करना चाहते, वे बच्चे की नाल बेच देते हैं, जो उसकी नाभि से जुड़ी होती है। एक स्थानीय पत्रकार ने बताया कि स्वास्थ्य की तरफ ध्यान देने के कारण और चीनी सरकार की एक बच्चे की पॉलिसी के कारण इस तरह मामले सामने आ रहे हैं, जो अब काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। 
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इस जघन्य अपराध के बीच सबसे बड़ा तथ्य यह है कि ज्यादातर चीनी लोग मेल बेबी खरीदना पसंद करते हैं, जबकि गरीबी लोग अपने फीमेल बेबी को बेचने पर मजबूर हैं। मरे हुए शिशु ताइवान में 4300 रुपए में खरीदे जा सकते हैं। 
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हांगकांग में भी अब इस मार्केट काफी जोर पकड़ लिया है। वीकली नेक्स्ट मैगजीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मृत शिशु और भ्रूण चीन में स्वास्थ्य और सुंदरता के नए सप्लीमेंट हैं। न सिर्फ बच्चे की नाल को ब्यूटी औषधि का नया विकल्प माना जा रहा है, बल्कि गर्भपात होने वाले भ्रूण की बहुत मांग है। गुआंगडोंग प्रांत के अस्पतालों में इसका अवैध धंधा जोरों पर हैं।

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मिस लियू एक ताइवानी बिजनेसमैन के यहां नौकर है। उसने मैगजीन को बताया कि सामुहिक भोज में मालिक के यहां आने वाले लोगों की यही मांग होती है। लियु मैगजीन के संवाददाता को उस जगह ले गई, जहां भ्रूण को पकाया जा रहा था।

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गजीन ने सूप बनाने, भ्रूण को काटने आदि की पूरी प्रक्रिया देखी। मार्च 2003 में बींगयान गुआंगझी में पुलिस से 28 फीमेल बेबी से भरे ट्रक को सीज किया था। इनमें से सबसे ज्यादा उम्र का शिशु भी तीन महीने का था। 

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सबसे बड़ी बात यह है कि लोग बिना कोई शर्म और घृणा के ऐसे काम किए जा रहे हैं। माओ के कल्चरल रिवोल्यूशन से लेकर अब तक चीन में नैतिकता और मानव जाति के प्रति सम्मान की भावना खत्म हो चुकी है। 

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सिओल टाइम्स के मुताबिक, इसका सबसे बड़ा कारण चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का अमानवीय रवैया और मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इस कारण चीनी समाज में नरभक्षण की मान्यताओं ने जन्म ले लिया। 
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sabhar : bhaskar.com