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सफल मीडियाकर्मी बनने के लिये जिद और जुनून होना जरूरी- अजीत अंजुम


पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सत्रारम्भ समारोह का समापन
भोपाल] 24 जुलाई] 2013। सफल मीडियाकर्मी बनने के लिये जिद और जुनून होना जरूरी है। मीडिया के क्षेत्र में सफलता के लिये जरूरी है कि युवा सपने देखे और उन सपनों का पीछा करे। मीडिया के क्षेत्र में प्रवेश कर रहा प्रत्येक युवा आदर्श मीडियाकर्मी की छवि गढ़ता है और उसे तराशता है। आज के बदलते मीडिया स्वरूप में युवाओं को चाहिए कि अपने मन मस्तिष्क में बनीं आदर्श मीडियाकर्मी की छवि को अपने आप में उतारने के लिये हर संभव प्रयास करे। और इसके लिये जरूरी है कि उसके अंदर जिद और जुनून का भाव पैदा करे। यह विचार न्यूज 24 के प्रबंध सम्पादक श्री अजीत अंजुम ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में नवागत विद्यार्थियों के लिये आयोजित सत्रारंभ कार्यक्रम के दूसरे दिन व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में मिशन और प्रोफेशन का द्वंद्व हमेशा बना रहता है। आदर्श मीडियाकर्मी वही है जो इन दोनों के बीच सामंजस्य बिठाते हुये अपना कार्य पूर्ण कौशल और ईमानदारी के साथ करता है। आदर्श मीडियाकर्मी वह है जो मीडिया के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ता है। इसलिए इस क्षेत्र में प्रवेश कर रहे युवाओं को अच्छा लेखक] अच्छा सम्प्रेषक] अच्छा वक्ता एवं तकनीक का अच्छा जानकार होना चाहिए। इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार और जी न्यूज की इनपुट एडीटर श्रीमती सीमा गुप्ता ने कहा कि आदर्श मीडियाकर्मी वह है जो सच को अच्छे तरीके से सामने रखे। उन्होंने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में सफलता का पहला कदम लेखन कौशल में महारत हासिल करना है। अच्छे लेखन के साथ-साथ ज्ञान वृद्धि के लिये विभिन्न विषयों में लिखे गये अच्छे साहित्य का अध्ययन भी आवश्यक है। हिम्मत और हौसले के साथ निष्पक्ष रूप से अपनी बात रखने वाला व्यक्ति ही सफल मीडियाकर्मी बन सकता है। कार्यक्रम में पधारे राष्ट्रीय सहारा रोजनामा उर्दू दैनिक] दिल्ली के सम्पादक श्री असद रजा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुये कहा कि मीडिया के क्षेत्र में सफलता के लिये सबसे जरूरी लेखन कौशल विकसित करना] अध्ययनशील होना एवं तकनीक का जानकार होना है।
सत्रारंभ कार्यक्रम में ‘मध्यप्रदेश की विकास यात्रा और सांस्कृतिक परिदृश्य] विषयक सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित मध्यप्रदेश जनसंपर्क के अपर सचिव श्री लाजपत आहूजा ने मध्यप्रदेश की विकास यात्रा] मध्यप्रदेश शासन की विकास योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी विद्यार्थियों को दी। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था] कृषि] शिक्षा] सामाजिक समरसता आदि क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुये बताया कि विगत 10 वर्षों में सरकार द्वारा किये गये प्रयासों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराहना प्राप्त हुई है। मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत पर अपने विचार रखते हुये वरिष्ठ पत्रकार श्री महेश श्रीवास्तव ने कहा कि मध्यप्रदेश सांस्कृतिक विविधताओं वाला प्रदेश है। मध्यप्रदेश में प्राचीन काल के शिलालेख] मंदिर] जीवाश्म] विज्ञान एवं तकनीक केंद्र हैं जो इस प्रदेश की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत के परिचायक हैं।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यसभा सदस्य श्री अनिल माधव दवे ने मीडिया और पर्यावरण विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि मीडिया के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले प्रत्येक युवा को किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना जरूरी है। भविष्य में पर्यावरण संरक्षण एवं जल जैसे विषयों में विशेषज्ञता हासिल कर युवाओं को विश्व रंगमंच पर चमकने का सुनहरा अवसर है। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रख्यात फिल्मकार श्री अशोक मिश्र ने कहा कि छोटे शहरों में सिनेमा निर्माण की असीम संभावनाएँ हैं। तकनीकी विकास ने छोटे-छोटे शहरों में कम लागत पर सिनेमा निर्माण के अवसर पैदा किये हैं। अतः सिनेमा का क्षेत्र भी युवाओं के लिये संभावनाओं से भरा हो सकता है।
सत्रारंभ कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला ने सत्र विश्वविद्यालय शैक्षणिक योजनाओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकगण] अधिकारीगण] विद्यार्थीगण एवं शहर के मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
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