मै फिल्मो हर तरीके की भूमिका करना चाहता हु - एबिन
फिल्मो में शुरुआत --------
मैंने कही से एक्टिंग की कोई ट्रेनिंग नहीं। जो सीखा वो देख देख कर सीखा है। हां मैंने कुछ लोगो का सहायक रहा हु। एकिंटग सीखना भी जरुरी है। इससे हमें पता चल जाता है हमें क्या और कैसे करना है। मेरी एक्टिंग शुरुआत तो रैंप मॉडलिंग से हुई थी।
मैंने लाइफ बॉय साबुन , हीरो हौंडा हंक का ऐड है। मै अपने आपको लकी मानता हु जो मुझे साउथ की फिल्मो में ब्रेक मिला।
मेरी तेलगु फिल्म बैचलर टू , ईडी असलु कथा , रामना ,हिंदी फिल्म एक से बुरे दो की है। अभी एक बांग्ला फिल्म माँ हमार सम्मान की है।
किस तरीके की भूमिका --
मै हर तरीके के रोल करना चाहता हु मगर मेरी दिली इच्छा है मै बॉलीवुड फिल्मो में खलनायक की भूमिका करु. .
आपके आइडियल कौन ---
साउथ में विक्रम जी और बॉलीवुड में महमूद , गोविंदा , धर्मेन्द्र और सनी देओल है।
कोम्प्रोमाईज़ --------------
उफ़ ये तो जान ही ले लेगा सवाल आपका। हां भाई कोम्प्रोमाईज़ की खिचड़ी हर जगह पकती है। कुछ लोग पकाते है और कुछ नहीं। ये तो आपको ऊपर है आप क्या करना चाहते है। ऐसा कुछ नहीं है बिना कोम्प्रोमाईज़ के काम नहीं मिलता है।
This interview taken by Editor Sushil Gangwar for www.sakshatkar.com www.mediadalal.com.
फिल्मो में शुरुआत --------
मैंने कही से एक्टिंग की कोई ट्रेनिंग नहीं। जो सीखा वो देख देख कर सीखा है। हां मैंने कुछ लोगो का सहायक रहा हु। एकिंटग सीखना भी जरुरी है। इससे हमें पता चल जाता है हमें क्या और कैसे करना है। मेरी एक्टिंग शुरुआत तो रैंप मॉडलिंग से हुई थी।
मैंने लाइफ बॉय साबुन , हीरो हौंडा हंक का ऐड है। मै अपने आपको लकी मानता हु जो मुझे साउथ की फिल्मो में ब्रेक मिला।
मेरी तेलगु फिल्म बैचलर टू , ईडी असलु कथा , रामना ,हिंदी फिल्म एक से बुरे दो की है। अभी एक बांग्ला फिल्म माँ हमार सम्मान की है।
किस तरीके की भूमिका --
मै हर तरीके के रोल करना चाहता हु मगर मेरी दिली इच्छा है मै बॉलीवुड फिल्मो में खलनायक की भूमिका करु. .
आपके आइडियल कौन ---
साउथ में विक्रम जी और बॉलीवुड में महमूद , गोविंदा , धर्मेन्द्र और सनी देओल है।
कोम्प्रोमाईज़ --------------
उफ़ ये तो जान ही ले लेगा सवाल आपका। हां भाई कोम्प्रोमाईज़ की खिचड़ी हर जगह पकती है। कुछ लोग पकाते है और कुछ नहीं। ये तो आपको ऊपर है आप क्या करना चाहते है। ऐसा कुछ नहीं है बिना कोम्प्रोमाईज़ के काम नहीं मिलता है।
This interview taken by Editor Sushil Gangwar for www.sakshatkar.com www.mediadalal.com.