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क्लीन चिट - इंदु सरकार नहीं है, किसी सरकार के ख़िलाफ़, संवाद में नहीं चली कोई कैंची क्लीन चिट - ठेठ संवादों का प्रहार फिल्म इंदु सरकार



भारतीय इतिहास में एक ऐसा मंजर आया, जब देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को आपातकाल की घोषणा करनी पड़ गयी। देश ने उस वक़्त विभिन्न परिस्थितयों का सामना किया, मधुर भंडारकर द्वारा आपातकालीन की पृष्ठ भूमि पर निर्मित फिल्म इंदु सरकार को पिछले दिनों काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, चाहे वो सेंसर बोर्ड हो या राजनितिक पटल परन्तु इस सभी चुनौतियों का सामना करते हुए आने वाले शुक्रवार को फिल्म पुरे देश में रिलीज़ होने जा रही है। 

किसी भी फिल्म में उसके संवाद का महत्वपूर्ण स्थान होता। संवाद से ही फिल्म का पटल बजबूत बन पता है निर्देशक, लेखक और गीतकार संजय छेल ने इस फिल्म को अपने अतरंगी डायलॉग से सजाया है , जिन्हे लोकप्रिय रूप से एक लाइनर के राजा कहा जाता है। डायलॉग के दुनिया में अपनी अटूट छाप बनाने वाले छेल, जो रंगीला, यस बॉस, पार्टनर, दौड, खूबसूरत , हेलो (नेशनल अवार्ड), कच्चे धोगे, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, मेने प्यार क्यो किया, पहला नशा, वन टू का फोर , क्या दिल ने कहा , कहीं प्यार ना हो जाय , क्यूंक की, जो बोले तो निहल, शादी से पहल, किस्मत कनेक्शन, हाल ए दिल , मान गए मुगल-ए-अज़म, दिल तो बच्चा है जी, रास्कल्स और कई फिल्मों के संवाद से दर्शकों को खूब हसाया है ।

फिल्म के लेखक और निर्देशक मधुर भंडारकर कहते है, कि फिल्म से किसी भी राजनीतिक पार्टी की छवि को कोई नुकसान नहीं होगा और न ही किसी की भावना को आहत पहुंचेगा ,फिल्म एक महिला की कहानी है ,जिसमे आपातकाल के दौरान उसके संघर्ष को दिखाया गया है ।   

निर्देशक, लेखक और गीतकार संजय छेल कहते हैं, कि मेने इंदु सरकार में मेरा अभी तक का सर्वश्रेष्ठ संवाद दिया है, ठेठ भारतीय भाषा का उपयोग करते हुए मेने इसके संवादों को आकर दिया ताकि भारत का हर एक दर्शक इस फिल्म से जुड़ सके और फिल्म की आत्मा और सन्देश से को महसूस कर सके,  यह फिल्म आपातकाल पर नहीं उसकी प्रष्ट भूमि पर बनाई गयी है, राजनितिक गलियारों से निकलते हुए यह आम भारतीय महिला की कहानी है जो हर व्यक्ति से जाकर जुड़ती है।  फिल्म बिना किसी दिक्कत इसी शुक्रवार को सभी सिनेमा घरों में रिलीज़ कर दी जायगी और उम्मीद है की हर एक व्यक्ति की आत्मा को छू लेगी।