ज्ञान गुप्ता
सीईओ, डीबी डिजिटल ।।
दैनिक भास्कर (डिजिटल) के सीईओ ज्ञान गुप्ता का कहना है कि किसी भी क्षेत्र में बेहतर अनुमान लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन आजकल के यूजर्स के लिए पर्सनलाइजेशन ही बेहतर तरीके से काम करेगा। क्योंकि आजकल के यूजर्स ऐसी खबरें चाहते हैं, जो उनसे संबंधित हों अथवा उनके मतलब की हों। वे नहीं चाहते कि अचानक उन पर ढेरों खबरें थोप दी जाएं, फिर चाहे उनका उससे मतलब हो अथवा नहीं। ज्ञान गुप्ता का मानना है कि इस वर्ष डिजिटल मीडिया में इन तीन बातों का खासा बोलबाला रहेगा और ये डिजिटल मीडिया की दशा व दिशा बदलने में अहम भूमिका अदा करेंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग निभाएंगे अहम भूमिका (Artificial Intelligence and Machine Learning will be the biggest trend in the Digital eco system)
आने वाले दिनों में यूजर्स के लिए फिर चाहे वह ऑनलाइन के यूजर्स ही क्यों न हों, कंटेंट का पर्सनलाइजेशन काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। हालांकि इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग भी विभिन्न तरह से मदद करेंगे। इनकी सहायता से यूजर का व्यवहार, उसकी समझ, उसकी पढ़ने की आदत और सम्बन्धित सामग्री पर उनके द्वारा बिताया गया समय आदि मापा जा सकता है।
बढ़ेगा विडियो का इस्तेमाल (People will WATCH more)
यदि हम ऑडियो विजुअल की बात करें तो यह हमेशा से लोगों को काफी आकर्षित करता रहा है। पिछले कुछ वर्षों में विडियो कंटेंट में काफी अहम बढ़ोतरी हुई है। चाहे फेसबुक हो, ट्विटर हो अथवा अन्य कोई भी चैनल, बिना किसी भी विडियो को देखे हुए आप मुश्किल से ही अपनी फीड तक पहुंच पाते हैं। यानी विडियो कंटेंट आपको सभी जगह मिलेगा। इसका कारण यह है कि ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध कराने वाले पब्लिशर्स द्वारा कंटेंट को पेश करने के तरीके में काफी बदलाव आया है। स्टोरीटैलिंग अब विडियो के द्वारा हो रही है। आने वाले समय में इंटरनेट पर जितना भी ट्रैफिक होगा, वह विडियो की शक्ल में होगा। बताया यह भी जा रहा है कि वर्ष 2019 तक ग्लोबल स्तर पर इंटरटेट का करीब 80 इस्तेमाल विडियो कंटेंट के रूप में होगा।
इंटरनेट पर स्थानीय भाषाओं को मिलेगी वरीयता (LOCAL LANGUAGE will define the Internet)
पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन की स्थिति काफी बदल गई है। इस बदलाव से एक बात तो यह स्पष्ट हो गई है कि इंटरनेट पर अब अंग्रेजी भाषा का प्रभुत्व ज्यादा समय तक नहीं रहेगा। एक तरह से तो इंटरनेट पर अंग्रेजी भाषा की पकड़ कम होती जा रही है, दूसरी तरह हिन्दी भाषी मार्केट अथवा स्थानीय भाषाओं का प्रभाव बढ़ रहा है। इसके पता चलता है कि आने वाले समय में इंटरनेट पर स्थानीय भाषा का वर्चस्व रहेगा। वर्ष 2021 तक अंग्रेजी के इंटरनेट यूजर के मुकाबले यह संख्या ढाई गुना से ज्यादा बढ़ जाएगी। आज की तारीख में यूजर चाहता है कि उसे इंटरनेट पर अपनी भाषा में जानकारी मिले तो बेहतर है। दरअसल, अपनी भाषा में कंटेंट मिलने पर वह उससे ज्यादा जुड़ाव महसूस कर पाता है। ऐसे में कंटेंट तैयार करने वालों के लिए अंग्रेजी के अलावा अन्य स्थानीय भाषाओं में कंटेंट तैयार करना भी अच्छा है।
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