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दीपक चौरसिया की पहली किताब 'कूड़ा धन' का विमोचन


कूड़ा प्रबंधन के कारोबार पर केंद्रित है किताब... नई दिल्ली : वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया न्यूज़ चैनल के एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया की पहली किताब 'कूड़ा धन' का मंगलवार की शाम कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में विमोचन हुआ. विमोचन समारोह की मुख्य अतिथि लोकसभा स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन थीं, जबकि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाज़रानी और गंगा कायाकल्प मंत्री श्री नितिन गडकरी विमोचन समारोह के विशिष्ट अतिथि थे. 'कूड़ा धन' हर तरह के कूड़ा-कचरे के प्रबंधन और उससे कारोबार एवं रोजगार सृजन पर केंद्रित अपनी तरह की पहली किताब है.
'कूड़ा धन' का विमोचन करने के बाद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा-  कोई भी चीज बेकार नहीं है, ये बात हमारी संस्कृति का हिस्सा रही है. हम अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से स्वच्छता की बात करके लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. दीपक चौरसिया ने किताब लिखकर उसी बात को आगे बढ़ाया है. लोकसभा स्पीकर ने कहा कि पत्रकार आमतौर पर नकारात्मक खबरों के बीच घिरे रहते हैं. दीपक चौरसिया ने कूड़ा धन जैसी सकारात्मक किताब लिखकर पत्रकारों को भी दृष्टिकोण बदलने के लिए प्रेरित किया है. मुझे उम्मीद है कि इस एक दीपक से अनेक दीपक प्रकाशित होंगे.

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 'कूड़ा धन' को स्वच्छ भारत मिशन को क्रांतिकारी किताब बताया. उन्होंने कहा कि कूड़े की इकोऩॉमी 10 लाख करोड़ की हो सकती है. इन्नोवेशन, आंत्रप्रेन्योरशिप, रिसर्च और टेक्नोलॉजी का उपयोग करके कूड़े को धन में बदला जा सकता है. उन्होंने बताया कि वो स्वयं पिछले 15 वर्षों से कूड़े-कबाड़ से गांव, गरीब, किसानों की तकदीर बदलने के प्रयोग कर रहे हैं. श्री गडकरी ने बताया कि नागपुर नगर निगम पिछले 4 वर्ष से सीवर का पानी बेचकर 18 करोड़ रुपये रॉयल्टी कमा रहा है. अब सीवर के पानी से मीथेन गैस निकाल कर उससे बायो सीएनजी पैदा करने का काम भी शुरू किया जा रहा है.
श्री गडकरी ने बताया कि गंगा के किनारे उनका मंत्रालय 110 बायो डाइजेस्टर बना रहा है जिससे सीवर के पानी से मीथेन निकालने में इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने कूड़ा धन पुस्तक के लिए दीपक चौरसिया को बधाई देते हुए कहा कि पहली बार किसी ने कूड़े की कीमत दुनिया को समझाने की पहल की है. कूड़े को धन में बदलने के प्रयोगों से देश की अर्थव्यवस्था बदल सकती है, इस विषय को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 'कूड़ा धन' के लेखक दीपक चौरसिया ने बताया कि 25 वर्ष की पत्रकारिता के दौरान जिस एक विषय ने मुझे सबसे ज्यादा उद्वेलित किया, वह विषय है स्वच्छता, जो सीधे-सीधे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण संकट से जुड़ा है. दिल्ली में वायु प्रदूषण से जब सांस लेना दूभर होने लगा, संकट के लिए गंदगी और फसलों के अवशेष जलाने को जिम्मेदार बताया जाने लगा, तब मैंने इस समस्या का मूल जानने की कोशिश की. इस विषय पर सोचना-समझना, पढ़ना शुरू किया. मेरी नज़र समस्या के समाधान पर केंद्रित थी.

दीपक चौरसिया ने बताया कि कूड़ा प्रबंधन की चौतरफा चुनौतियों के घुप्प अंधेरे के बीच ही मुझे उम्मीद का चमकता सूरज भी नज़र आया. यह जानकार सुखद आश्चर्य भी हुआ कि हमारे देश में ही ऐसे लोग भी हैं, जो कूड़े-कबाड़ की समस्या को संसाधन में बदल कर करोड़ों-अरबों रुपये का उद्योग खड़ा करने में सफल रहे हैं. पूरी दुनिया में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करके दुर्गंध से भरे कचरे को भी मानव कल्याण की वस्तुओं में बदलने में सफलता मिल रही है. उन्होंने कहा कि मेरी पुस्तक उन लोगों के काम आ सकती है, जो लीक से अलग हटकर कोई उद्यम शुरू करना चाहते हैं. मैंने इस पुस्तक में ऐसे लोगों की कहानियां भी शामिल की हैं, जिन्होंने कूड़ा प्रबंधन को स्टार्ट-अप के रूप में शुरू किया और कम समय में ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगे. 'कूड़ा धन' नगर और ग्रामीण विकास से जुड़ी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को भी दिशा दिखा सकती है, ऐसा मुझे विश्वास है. पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोगों और संस्थानों के लिए भी 'कूड़ा धन' में तकनीक और तरकीब सुझाए गए हैं.

दीपक चौरसिया ने बताया कि इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले संस्थानों के लिए भी यह पुस्तक संभावनाओं के नए द्वार खोलने में काम आ सकती है. उच्च शिक्षण संस्थानों में पर्यावरण की पढ़ाई तो हो रही है, लेकिन पर्यावरण संकट के लिए जिम्मेदार कूड़ा-कबाड़ के सम्यक प्रबंधन का कोई पाठ्यक्रम मेरे ध्यान में नहीं है. मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है, जब उच्च शिक्षा में कूड़ा-प्रबंधन को संपूर्णता में देखते हुए पाठ्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए. इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में इसे एक पूर्ण विषय का दर्जा दिया जाना चाहिए, क्योंकि कूड़ा प्रबंधन अपने आप में बहुत बड़े उद्योग में परिवर्तित होने जा रहा है. कूड़ा प्रबंधन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तकनीक का प्रयोग अति महत्वपूर्ण है, इसलिए स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत भी युवाओं को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है.

'कूड़ा धन' के विमोचन समारोह में आए अतिथियों का स्वागत प्रभात प्रकाशन के प्रभात कुमार एवं डॉक्टर पीयूष कुमार ने किया. विमोचन समारोह में इंडिया न्यूज़ के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं आईटीवी नेटवर्क के प्रमोटर श्री कार्तिकेय शर्मा, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, हंसराज अहीर, गिरिराज सिंह, विजय गोयल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा, राजीव शुक्ला, राज्यसभा सांसद अमर सिंह, विजयंत पंडा, कांग्रेस मीडिया सेल के चेयरमैन रणदीप सुरजेवाला, सांसद दीपेंद्र हुड्डा समेत कई राजनेता, वरिष्ठ पत्रकार और मीडियाकर्मी तथा गणमान्य लोग मौजूद थे.
Sabhar- Bhadas4media.com