Yashwant Singh : गूगल मुर्दाबाद. इन सालों ने भड़ास के यूट्यूब चैनल पर विज्ञापन बंद कर दिया. अचानक. बिना कोई कारण बताए. ये भी नहीं बताए कि किस वीडियो पर किस किस्म की आपत्ति है. ये तो सरासर चिरकुटई है. आपकी मोनोपोली है तो इसका मतलब ये नहीं कि आप पागलों जैसे फैसले करने लगेंगे.
आप कम से कम ये बताइए तो कि किस वजह से आपने यूट्यूब चैनल के मानेटाइजेशन को खत्म किया है. हालांकि महीने भर बाद फिर से अपील करने का मौका दिया हुआ है लेकिन मुझे ये जानना है कि आपने आखिर किस कारण से मानेटाइजेशन रद्द करने का फैसला लिया.
न कोई स्ट्राइक, न कोई कापीराइट क्लेम, न कोई डिसपुट, न कोई डुप्लीकेसी. बावजूद इसके, अचानक फरमान भेज दिया जाता है कि आपका विज्ञापन बंद.
अपने पूरे सिस्टम को रोबोट्स के हवाले करने के बाद लगता है गूगल वालों के दिमाग की बत्ती गुल हो गई है और रोबोटियाते रोबोटियाते खुद ही रोबोट में तब्दील हो गए हैं.
एक गूगल वाले से बात की तो उसने कहा कि हमारे सिस्टम में मैनुवल हस्तक्षेप नहीं होता. सब कुछ रोबोट्स के हवाले होता है. मैं सोचने लगा कि ये ससुर लोग तो खुद कोई लोड लेने की जगह रोबोट्स के मत्थे पाप मढ़ दे रहे हैं.
अरे भइये, तुम तो रोबोट नहीं हो. आपके क्रिएटर्स / पार्टनर्स को ये जानने का हक है कि उनके किस वीडियो में क्या कष्ट है जिसके कारण आप अचानक सर कलम करने का फरमान सुना देते हैं. एक तरफ तो गूगल यूट्यूब से अच्छे क्रिएटर्स कनेक्ट करने के लिए भारी मात्रा में पैसे खर्च कर रहा, दूसरी तरफ हम लोग जैसों के बेहद जिम्मेदार और सीरियस चैनल का मानेटाइजेशन खत्म कर रहा है.
अगर आपमें से कोई भी गूगल या यूट्यूब के भारतीय आफिस ले लगायत अमेरिका आफिस में किसी को जानता हो तो उन्हें इस पोस्ट से टैग करिए, उन्हें ये पोस्ट लिंक कर ट्वीट करिए. मैं तो इन हरामजादों के खिलाफ लड़ूंगा, भले ही अपन का यूट्यूब चैनल सस्पेंड कर दें, हमेशा के लिए. बात पैसे की नहीं है. बात ट्रांसपैरेंसी और पालिसी की है. अगर आपकी पालिसी बिना कारण बताए मानेटाइजेशन खत्म करने की है तो आप बेहद हरामजादे टाइप की कंपनी हैं. गूगल मुर्दाबाद.
भड़ास के यूट्यूब चैनल का पता इस पोस्ट के साथ संलग्न स्क्रीनशाट में बिलकुल उपर दिख जाएगा.
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.
Sabhar- Bhadas4media.com
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