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केबल ऑपरेटर के लायसेंस पर फर्जी पत्रकारो का मंत्रालय में आवागमन, मुख्यमंत्री तक का भी लेते है इंटरव्यू!


केबल ऑपरेटर के लायसेंस पर फर्जी पत्रकारो का मंत्रालय में आवागमन,

मुख्यमंत्री तक का भी लेते है इंटरव्यू!

फर्जी पत्रकार  केबल ऑपरटर के पास कई महत्वपुर्ण वीडियो फूटेज देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड

 नवी मुम्बई एवं मुम्बई में एनएमटीवी नाम का अवैध न्यूज टीवी चॅनल पिछले दस सालों से बेरोकटोक चल रहा है. यह किसी आश्चर्य से कम नहीं कि भारत सरकार ने एनएमटीवी नाम से कोई लाइसेंस कभी जारी नहीं किया बावजूद इसके इस चैनल के मालिक और फर्जी पत्रकार रवि सुबईया और जेबा वारसिया नवी मुंबई और मुंबई में अपना टीवी चैनल चला रहे हैं. और ना सिर्फ चला रहे हैं बल्कि पत्रकारिता के नाम पर कहीं भी पहुंच जाते हैं और ब्लैकमेलिंग और हफ्तावसूली के आपराधिक काम को भी बेखटके अंजाम दे रहे हैं. पत्रकारिता के नाम पर लूट खसोट, ब्लैकमेलिंग, हफ्तावसूली और यहां तक कि देश और समाज की सुरक्षा के साथ हो रहे इस घोटाले के खेल को पत्रकारिता के ये दोनों फर्जी खिलाडीं कुछ इस तरह खेल रहे हैं. इनके इसी खेल की पोल खोलती ये खास रिपोर्ट-
दरअसल फर्जी पत्रकार रवि सुबईया और जेबा वारसिया इन दोनों ने एक केबल ऑपरेटर का लायसेंस महज दिखावे के लिये ले रखा है, और इसी की आड़ में इन्होंने अवैध पत्रकारिता की अपनी दुकान खोल रखी है. ये दोनों पत्रकारिता के नाम पर कहीं भी पहुंच जाते है और वहीं से शुरु हो जाता है ब्लेकमेलिंग और हफ्तावसूली का खेल.

Ravi Subbiah in Left Side

Mrs. Zeba Warsia, Below

इनके खिलाफ पिछले साल ही गजरा बिल्डर ने दो करोड रुपयों के एक्सटॉर्शन यानि वसूली की शिकायत खारघर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी. यह एक महत्वपूर्ण और कानूनी तथ्य है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता. केबल ऑपरेटर केलायसेंस की आड में यह दोनो आम जनता को दिखाते है कि वो एक टीवी चॅनल के मालिक व पत्रकार है, मगर ऐसा कुछ भी नहीं है! और कोई भी अगर इनके खिलाफ आवाज उठाता है तो उसको बदनाम कर दिया जाता है. ये दोनों इस आपराधिक पत्रकारिता के धंधे में पिछले कई सालों से लगे हैं और इसी के चलते इन्होंने एक तरफ तो शानदार काली कमाई के जरिये काफी दौलत बटोरी है और दूसरी तरफ कई दिग्गज नेताओं, सरकारी अफसरों, और बिल्डरों तक से करीबी रिश्ते बना लिये हैं.
Gazra Builder in a Press Conference Informing Reporters NMTV's Ravi Subbiah demanded Rs. 2 Crore as Extortion. See Below Link....
यही वजह है कि जब भी कभी पुलिस की टेढी नजर इनके कारनामों पर पड़ी और इनके खिलाफ कानून का शिकंजा कसने के संकेत मिले, ये दोनों ऐसे वक्त पर पुलिस के कई अफसरों पर भी दबाव बनाने में कामयाब हो गये हैं. अब यह इनके क्रिमिनल और पॉलिटिकल कनेक्शन का ही कमाल नहीं तो और क्या है कि अदालत के आदेश के बाद भी नवी मुंबई और मुंबई में इस भ्रष्ट पत्रकार रवी सुबईया का न्यूज चैनल आज भी बदस्तूर चालू है. जबकि यह बात शीशे की तरह साफ है कि इनके पास भारत सरकार के किसी भी विभाग द्वारा नियमानुसार न्यूज चैनल चलाने की इजाजत नहीं है और इनके पास सिर्फ केबल ऑपरेटर का ही लाइसेंस है. मुक्तभारत यह बात पूरे दावे के साथ तथ्यों के आधार पर कर रहा है. नीचे दी गयी तस्वीर में इनके केबल ऑपरेटर के लाईसेंस की प्रति दर्शाई गई है जिससे साफ समझा जा सकता है कि इन्होने सिर्फ केबल ऑपरेटर का ही लायसेंस लिया है!
इन  दोनों फर्जी पत्रकारो ने दरअसल बेहद शातिराना अंदाज कानून की धाराओं के बीच से अपनी भ्रष्ट, आपराधिक व समाज को प्रदूषित करनेवाली पत्रकारिता जारी रखी है. हालांकि इस बारे में कानून बिलकुल साफ है लेकिन यह भी सच है कि इसमें कई तकनीकी पहलू भी शामिल हैं क्योंकि यह आखिरकार प्रसारण की तकनीक से जुड़ा मसला है. इसलिये आम जनता को इनकी पत्रकारिता का फर्जीवाड़ा सीधे सीधे समझ में नही आता. ये ठीक वैसे ही है जैसे 2जी घोटाले में जिस तरह से टेक्नि कल करप्शन को अंजाम दिया गया और जिसे तकनीक और कानून के जानकारों ने ही उजागर कर आम जनता के सामने बेनकाब किया था. केबल ऑपरेटर कानून और केबल ऑपरेटर की आड़ में फर्जी पत्रकारिता आम जनता तो क्या पुलिस और प्रशासन के कई बड़े अफसरों तक को समझ में नही आती. यह एक अफसोस की बात है लेकिन इससे भी ज्यादा अचरज की बात यह है कि जब जब इन्हे इस पूरे घोटाले और फर्जीवाड़े से रूबरू कराया गया तब भी इन्होंने इन दोनों हफ्ताखोर भ्रष्ट पत्रकारों के खिलाफ कोई कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा. नवी मुम्बई के एक एनजीओ ने कितनी ही बार पत्र द्वारा और सैंकड़ों ई मेल के जरिये होम मिनीस्टर, डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस व नवी मुम्बई पुलिस आयुक्त को कई बार अवगत करवाया गया है, मगर कोई भी अधिकारी कुछ नेताओं के दबाव में संज्ञान नहीं ले रहे है, दरअसल जब भी पुलिस इन्क्वारी करती है, तो इस प्रकार के चॅनल कहते है कि वो केबल ऑपरेटर है और केबल टीवी एक्ट की धारा 2 जी केअंतर्गत यह स्थानीय टीवी चॅनल चला रहे है, जबकि किसी भी केबल ऑपरेटर को, वो जो भी टीवी चॅनल चलाता है उसकी लिस्ट पोस्ट आफिस को देनी पडती है, इस प्रकार के फर्जी चॅनल इस धारा का गलत उपयोग करके जनता एवं प्रशासन को बेवकुफ बना रहे है, जनता के साथ ब्लेकमेलिंग, धोखाधड़ी और एक्सटॉर्शन करते हैं, साथ ही कई बार ऐसे फर्जी चॅनलो ने पुलिस महकमें की भी छवी धुमिल करने की कोशिश की है, जिसके कई मामले नवी मुम्बई के पुलिस स्टेशनो में दर्ज है!केबल ऑपरेटर अगर स्थानीय स्तर पर कोई चॅनल चलाता है तो उसमें सिर्फ फिचर फिल्मचित्रहारविज्ञापन इत्यादी चलासकते हैऔर यह सब प्रोग्रामिंग कोड के हिसाब से होना चाहियेएवं केबल ऑपरेटर के पास इस प्रकार के प्रोग्राम चलानेके लिये कॉपी राईट होना चाहिये  इस प्रकार के समस्त प्रोग्राम सिनेमेटोग्राफी एक्ट के तहत सीबीएफसी यानी सेंसर र्बोडसे अधिकृत होने चाहियेआप अगर सिनेमाघरो में राष्ट्रगीत भी देखते है तो सबसे पहले सीबीएफसी यानी सेंसर र्बोड कासर्टिफिकेट आता है फिर राष्ट्रगान चलाया जा सकता है एवं केबल एक्ट की धारा 2 जी मे साफ तौर पर लिखा गया है किकेबल ऑपरेटर द्वारा चलाये गये सारे प्रोग्राम प्रोग्रामिंग एवं एडवर्टायजिंग कोड का पालन करेंगे
RAVI SUBBIAS CABLE OPERATOR LICENCE. 
     दरअसल कोई भी न्यूज टीवी चॅनल चालु करने के लिये आजकल 20 करोड से ज्यादा की नेट वर्थ होनी चाहिये और इतना ही नहीं इसके लिये विभिन्न सरकारी डिपार्टमेंट्स से कई तरह की एनओसी यानि अनापत्ति प्रमाणपत्र भी लेना पड़ता है, जैसे जलसेना, थलसेना, वायुसेना, रक्षा मंत्रालय, सीबीआई, अन्य विजिलेंस डिपार्टमेंट, पुलिस विभाग से कई प्रकार की एनओसी लेना कानूनन जरूरी है. लेकिन इतने महत्वपूर्ण और ताकतवर मंत्रालयों, विभागों और सैन्य प्रतिष्ठानों की हदें भी शायद नवी मुबई और मुंबई के बाहर खत्म हो जाती है तभी तो यहां नवी मुम्बई एवं मुम्बई में अगर किसी को भी टीवी चॅनल चालु करना हो तो मात्र 500 रुपये भरकर केबल टीवी ऑपरेटर का लायसेंस लेनापडता है, और फिर किसी एमएसओ को सालाना कुछ रिश्वत देकर या मोटी रकम देकर इस प्रकार के फर्जी टीवी न्यूज चैनल धड़ल्ले से शुरु कर दिये जाते हैं. एवं एम एस ओ के विशाल नेटवर्क व अन्य केबल ऑपरेटर की नेट वर्किंग के कारण इस प्रकार के टीवी चॅनल समस्त मुम्बई व अन्य क्षेत्रो में फेल जाते है! और फिर इस प्रकार के फर्जी चॅनल दबंगई, भ्रष्टाचार, एक्सटॉर्शन जैसे अवैध कार्य चालु कर देते है.
मीडिया यानि पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है. लेकिन रवि सुबईया और जेबा वारसिया जैसे फर्जी पत्रकार तो लोकतंत्र को बंधक बनाने और उसका गला घोंटने का ही काम करते नजर आ रहे हैं. नवी मुंबई और मुंबई में ऐसे न्यूज चैनल की आड़ में कुछ चुनिंदा नेताओं की राजनिती मजबूत करने का ही काम किया जाता है और यह बात किसी से छुपी नहीं है. ऐसे तमाम चैनल प्रतिष्ठित घरानों की नेतागिरी को ही प्रचारित और प्रसारित करने का काम करते हैं और अपनी इस पीआरओ सर्विस के बदले इनसे राजनीतिक और कानूनी संरक्षण हासिल करते हैं. केबल ऑपरेटर्स का लाइसेंस होने के बावजूद पत्रकारिता करनेवाले ये धोखेबाज जनता के सामने अपने प्रिय नेता की अच्छी इमेज बनाते हैं और राजनीति में ईमानदारी से काम करनेवाले विरोधियों को बदनाम करने का काम इस तरह के न्यूज चैनलों और ऐसे भ्रष्ट पत्रकारों का धंधा बन गया है. जाहिर है लोकतंत्र की बुनियाद तभी मजबूत होती है जब समाज के सभी वर्गो के लोगों को राजनीति में अपनी हिस्सेदारी का मौका मिलता है और एक गरीब तबके का ईमानदार आदमी भी सत्ता के गलियारों तक पहुंचता है. लेकिन ऐसी हर ईमानदार कोशिश को कामयाब होने से पहले ही तोड़ने के लिये ही हमारे भ्रष्ट नेता इस तरह के आपराधिक पत्रकारों को पालते पोसते है और अपना संरक्षण प्रदान करते हैं. साफ है कि ऐसे नेता और ऐसे फर्जी पत्रकार  लोकतंत्र के हत्यारे है और ऐसे ही चॅनलो के कारण स्थानीय क्षेत्रो के चुनाव परिणाम प्रभावित होते है, इस तरह के अवैध चैनल्स पर किसी प्रकार का संस्थागत नियंत्रण नहीं होने के कारण यह लोग किसी भी प्रकार की खबर दिखा देते हैं और किसी को भी बदनाम कर देते हैं. इस वजह से ना जाने कितने लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है. इतना ही नही कईअच्छे लोगो को अपना मान  सम्मान भी खोना पडता हैएवं ऐसे चॅनल देश की सुरक्षा के लिये भी खतरा खडा कर सकतेहै!

इसी संदर्भ मे भारत सरकार का एक आदेश नम्बर एफ/1/2007-BC.II, जो कि दिंनाक 19 फरवरी 2008 को जारी कियागया थाउसमें साफ लिखा गया है कि केबल ऑपरेटर अगर न्यूज चलाते है तो सिर्फ अपने एरिया की इर्न्फोमेशन दे सकतेहै,
आदेश के पेज नम्बर तीन पर अग्रेजी भाषा में इस प्रकार लिखा गया है
If Local news is carried by Cable Operator is restricted to information about Local events” copy of the order by Govt of India, Cond  can be downlod from web site of Ministry of Information and Broadcasting, at www.mib.nic.in 
मतलब साफ है कि पहली बात तो एनएमटीवी कोई केबलऑपरेटर ही नहीं हैदूसरी बात यह है कि मान लिजीये कीवो एक केबल ऑपरेटर है फिर भी वह न्यूज नहीं कर सकतावो सिर्फ टेक्सट मेसेज द्वारा वाशी के सेक्टर 14 के लियेसिर्फ होने वाले इवेन्टस की जानकारी दे सकता हैयहां परयह बताना जरुरी होगा कि नवी मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त जावेद अहमद साहब ने इस बारे में इन्क्वायरी की थी तो उन्हें एनएमटीवी की ओर से यह बताया गया था कि रवि सुबईया और जेबा वारसिया इन दोनों को महाराष्ट्र शासन ने एक्रेडिशन कार्ड जारी किया है. यह इस बात का अपने आप में सबूत है कि इन दोनों की पत्रकारिता ही भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ी है. हम आपको बतादे कि इनका एक्रेडिशन कार्ड फर्जीदस्तावेजो के आधार पर हासिल किया गया हैदरअसल इन्होने कलेक्टर आफीस के एक अधिकारी के साथ मिलकर एकदस्तावेज फोर्ज किया था जिसकी प्रति नीचे फोटो में दिखायी गयी है,

 यह दस्तावेज दिंनाक 09 मई 2005 के दिन कलेक्टरआफीस से दिया गया थाऐसा इस दस्तावेज में लिखा गयाहैमगर इसी डिर्पाटमेट से जब नवी मुम्बई के पत्रकारसुधीर शर्माशितल कपुरेराजीव मिश्रा , प्रमोद सोनावने विनोद गंगवाल द्वारा इन्क्वारी की गयी एवं सुचना केआधार पर जवाब मांगा गया तो जवाब मे जिलाधिकारी केमातहत मनोरंजन कर अधिकारी ने बताया कि यहसर्टिफिकेट फर्जी हैइसी अधिकारी ने यह भी साफ तौर पर बताया कि कलेक्टर एवं मातहत अधिकारियों को टीवी चैनल की परमिशन देने का कोई अधिकार ही नहीं हैं. इसकामतलब साफ है कि दोनो पत्रकार फर्जी हैएवं इनकाएक्रेडिटेशन कार्ड भी फर्जी दस्तावेजो के आधार पर लियागया हैकानून में यह साफ है कि जब मूल दस्तावेजो मेंफोर्जरी यानि जालसाजी की गई हो तो ऐसे किसी भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर हासिल किये गये अन्य दस्तावेजों को भी फर्जी ही माना जाएगा.

     इस संदर्भ में कॉन्सियस सिटीजन फोरम ने एक पब्लिक इंटरेस्ट पिटीशन (PIL) भी दाखिल की थी जिसमें, दिंनाक 8 अप्रैल 2010 को माननीय उच्य न्यायालय ने पिटीशन नम्बर 2824 में नवी मुम्बई पुलिश कमिश्नर को आदेश पारित किया था जिसमें  तीन महिने के भीतर कार्यवाही करने का समय निर्धारित किया गया था ! मगर दुख की बात है किएनएमटीवी जैसे अवैध चॅनल पुलिस की नजर के सामने आज भी चालु है!
     भारत सरकार का गजट नम्बर 201 कहता है कि कोई भी केबल ऑपरेटर किसी भी ऐसे चॅनल  का प्रसारण नहीं करेंगा जो कि भारत सरकार द्वारा रजिस्टर्ड नहीं किया गया हो, फिर भी डेन नेट वर्क जैसे एम एस ओ व अन्य नवी मुम्बई के एमएसओ व केबल ऑपरेटर खुल्ले आम इस प्रकार के अवैध चॅनलो का प्रसारण कर रहे है! आश्चर्य है कि मुम्बई के मंत्रालय, गर्वनर आफिस, मुंबई महापालिका व कई बार तो डिफेंस जैसे प्रतिष्ठानों में इस अवैध चॅनल के कैमरामेन व पत्रकार जाते है, एवं मंत्रियों एवं अधिकारीयों का इन्टरव्यू लेकर आते है और भोली भाली जनता को बेवकुफ बनाते है! क्या मुम्बई व नवी मुम्बई पुलिस यह भी पता नहीं लगा सकती कि एनएमटीवी ने मात्र केबल ऑपरेटर का लायसेंस लिया है, फिर किस प्रकार एक केबल ऑपरेटर जाकर मंत्रालय के अन्दर के विडीयों फूटेज लेकर आ सकता है, यह सारे सवाल नवी मुम्बई व मुम्बई पुलिस को सवालो के घेरे में खडा कर देते है!
NMTV IN GOVT PLACES, TAKING INTERVIEWS OF IAS OFFICERS, MINISTERS, GOVERNORS ETC. FACTS CAN BE CHECKED FROM INTERNET ALSO. IF NMTV IS A CABLE OPERATOR THAN HOW COME THEY ARE DOING NEWS ON NATIONAL, INTERNATIONAL , STATE LEVEL, IS THERE ANY BODY WHO ARE WATCHING SUCH FACTS.
सी भी व्यवसाय को करने के लिये लायसेंस की जरुरत होती है, अगर आप नवी मुंबई और मुंबई जैसे शहर में एक दुकान में पानीपुरी भी बेचना चाहे तो ना जाने कितने सरकारी विभाग के अधिकारी आपसे ना जाने कितने लाइसेंस मांगने पहुंच जाएगे. लेकिन नवी मुंबई के ये फर्जी पत्रकार रवि सुबईया एवं जेबा वारसिया जो इतने धडल्ले से केबल ऑपरेटर के नाम पर एनएमटीवी न्यूज चैनल चला रहे हैं उनके लिये शायद कानून के ये बंधन लागू नहीं पड़ते. रवि सुबैया और जेबा वारसिया ने एक भी ऐसा लायसेंस याडाक्युमेंट पुलिस को नहीं दिया हैजहां पर उनको टीवीचॅनल चलाने की परमिशन होजब हायर्कोट ने नवी मुम्बईपुलिस से सवाल पुछे तो डीसीपी दत्ता शिंदे द्वारा माननीय उच्च न्यायलय में लगाये गये एक एफेडिविट के अनुसार  “ Such Local Channel Can not be transmitted beyond the territorial jurisdiction of cable registering authority.” मगर अफसोस माननीय उच्च न्यायालय को भी श्री डीसीपी दत्ता शिंधे द्वारा गलत जानकारी दी गयी एवं ऐसे अवैध चॅनल आज भी नयी मुम्बई में वेरोकटोक चालू है. पहली बात तो एनएमटीवी के नाम से कोई भी केबल ऑपरेटर का लायसेंस जारी ही नहीं किया गया था. दूसरी बात रवि सुबईया का कोई भी केबल का धंधा ही नहीं है, अगर है तो वह साबित करें! उनके द्वारा फर्जी कागजातो पर आधारीत एक केबल ऑपरेटर का लायसेंस लिया गया है, जहां पर उन्होने बताया है कि उनके द्वारा केबल का व्यवसाय वाशी के सेक्टर 14 में किया जाता है, तो फिर किस प्रकार पूरी नवी मुम्बई मे इस प्रकार के चॅनल देखे जा सकते है!
     रवी सुबईया ने जो दस्तावेज पुलिस को दिया है, वो है मुंबई दुकान व संस्था अधिनीयम 1948 के तहत संस्था का गुमास्ता सर्टिफिकेट जहां पर धधे के स्वरुप में बारे में इस कथित पत्रकार ने बताया है कि वो इलेक्ट्रोनिक मिडीया व सोफटवेयर डेवलपमेंट का कार्य करता है जबकि इसी फर्जी पत्रकार ने अपने बयान में बताया है कि वो केबल ऑपरेटर का कार्य करता है, पुलिस इस कथित पत्रकार के कथनो की जांच करें की आंखिर यह केबल ऑपरेटर है या टीवी चॅनल कामालिक हैया फिर क्या है?
              पहले रवि सुबईया कलेक्टर द्वारा दी गयी परमिशन को आधार बना कर चॅनल चलाने का दावा करता था, लेकिन जब परमिशन की पोल खुली और दस्तावेज फर्जी निकले तो उसके बाद उसने  पूर्व कमिश्नर को एसएसवी केबल प्राईवेट लिमिटेड के फर्जी कागज देकर चेनल चलाना जारी रखा. कमिश्नर साहेब को इस बार भी जून 29 को दिये गये पत्र में रवि सुबईया ऐसा दावा कर रहा है कि उसका टीवी चॅनल पिछले दस साल से चालू है, मगर आप देखेंगे की उन्होने केबल ऑपरेटर का लायसेंस भी नवम्बर 2010 को लिया है, वो भी माननीय हायकोर्ट के आदेश के बाद में जहां पर माननीय हायकोर्ट ने नवी मुम्बई पुलिस आयुक्त को आदेश दिया था कि इस प्रकार के अवैध केबल ओपरेटर  चॅनल पर तुरंतकार्यवाही करें! आश्चर्य है नवी मुम्बई पुलिस के सामने किस प्रकार से यह कथित पत्रकार एक अवैध चॅनल को 10 साल सेचलाने का दावा कर रहा है, एवं पुलिस इस पत्रकार से किसी भी तरह का कोई सबूत भी नहीं मांग रही है!
     इस संदर्भ में एनएमटीवी के रवि सुबईया के खिलाफ  दिंनाक 6 जूलाई 2012 को माननीय प्रथम वर्ग न्यायदंडाधिकारीन्यायालयवाशी ने भी कलम 467,468,471,120,506(2),34 के तहत रवि सुबईया  अन्य के खिलाफजांच के आदेश दिये है,
     उपरोक्त संदर्भ में कॉनिशयस सिटीजन फोरम द्वारा उच्च न्यायालय में पिटीशन भी दाखिल की थी एवं उच्य न्यायालय के माननीय न्यायाधीश बीएच मरल्लापल्ले साहेब ने भी  इस प्रकार के अवैध टीवी चॅनल के खिलाफ कार्यवाही करने के डायरेक्शन भी दिये थे
     उपरोक्त अवैध टीवी चॅनल के खिलाफ नवी मुम्बई में कई एक्सर्टोशन के मामले दर्ज है, जैसे खारघर पुलिस स्टेशन में 2 करोड रुपयो के एक्सटॉर्शन की शिकायत गजरा बिल्डर ने लिखवायी थी! वाशी में भी इस रवि सुबईया के खिलाफ कई मामले एक्सर्टोशन, धोखाधड़ी इत्यादी के दर्ज है!
 यह चालाक फर्जी पत्रकार हर डिपार्टमेंट में अपनी शारीरिक विकलांगता का बहाना बना कर एक हमदर्दी बटोरता है और अपनी इसी विकलांग को हथियार बनाकर इस व्यक्ति ने कई लोगों को ब्लैकमेल किया है, और आज भी नवी मुम्बई  में इनका यह ब्लैकमेलिंग और वसूली का धंधा खुलेआम चल रहा है. कोई भी आदमी इस प्रकार के असामाजिक कृत्य के खिलाफ अगर आवाज उंठाता है तो उसको अपने फर्जी चॅनल पर न्यूज दिखाने के नाम से डरा देता है, या फिर नवी मुम्बई के कुछ पॉलिटीशीयन से फोन करवाकर डरा देता है! किसी भी आदमी का अपंग होना एक दुख की बात है एवं ऐसे आदमी के साथ सहानुभूती होनी चाहिये, मगर किसी भी गलत कार्य के लिये उसका साथ नहीं दिया जाना चाहिये और ना ही उसके कारनामों और आपराधिक करतूतो को सिर्फ इसलिये नजरंदाज किया जाना चाहिये क्योंकि वह एक विकलांग है. वैसे भी शारीरिक विकलांग महज एक शारीरिक कमजोरी है और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति भी मानसिक रूप से इतना सक्षम और शातिर हो सकता है कि उसके बूते इसतरह के गोरखधंधे को सालोंसाल चलाता रहे. इसकी जिंदा और मजबूत मिसाल है रवि सुबईया ! रवि सुबईया ने कुछ ईमानदार पुलिस अफसरो के नाम कि भी शिकायत कर दी है, क्योंकि जैसे ही कोई ऑफिसर इसको फोन कर इसके बारे में पूछताछ और जांच की बात करता है तो यह तुरंत उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डराना धमकाना शुरु कर देता है तथा उसके खिलाफ न्यूज दिखाने की धमकी देता है. आप देख सकते है कि पुलिसकमिश्नर को लिखे गये पत्र में इसने जिन तीन अफसरों का जिक्र किया है उनकी जनता के बीच ईमानदार और निष्पक्ष इमेज है.
     जब वकील एवं पत्रकार विनोद गंगवाल ने इस कथित पत्रकार के बारे में एवं इसके अवैध चॅनल के बारे में शिकायत की और इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की तो इस फर्जी पत्रकार ने अपने अवैध चैनल के बारे में जानकारी और सफाई देने के बजाये विनोद गंगवाल पर ही बेबुनियाद आरोप लगाने शुरु कर दिये तथा उनके बारे में गलत, आधारहीन और भ्रमात्मक जानकारी अपने न्यूज चैनल के जरिये प्रसारित करनी शुरु कर दी. हालांकि विनोद गंगवाल ने साफ कर दिया हैकि वो इस तरह के हथकंडों से ना तो डरनेवाले हैं और ना ही पीछे हटनेवाले हैं. पत्रकार एवं अधिवक्ता विनोद गंगवाल के मुताबिक उनके लिये ये कोई अनपेक्षित या नई बात नहीं है क्योंकि वे जानते हैं कि रवि सुबईया और जेबा वारसिया के ब्लैकमेलिंग धंधे की यही मोडस ओपरेंडी यानि यही तरीका है. इससे उल्टे एक बात साबित होती है कि उनके खिलाफ सवाल उठानेवाले को ये इस तरह सामाजिक बदनामी का डर दिखाते हैं और निजी तौर पर मानसिक तकलीफ देते हैं. वर्ना होना तो यह चाहिये था कि एक पत्रकार के रूप में दुनियाभर को सवाल पूछनेवाले इन दोनों को अगर कोई कभी सवाल पूछता भी है तो इन्हें भी उन सवालों का जवाब देने की तैयारी रखनी चाहिये. अगर ये अवैध पत्रकारिता के नाम पर आपराधिक कामों को अंजाम देने में नहीं जुटे है तो इन्हें विनोद गंगवाल क्या, किसी के भी किसी भी सवाल से कोई परेशानी नही होनी चाहिये.  विनोद गंगवाल के मुताबिक,  आजकल जो भी अच्छा व्यक्ति समाज में फेली बुराईयों को सामने लाने का प्रयासकरता हैउस पर इल्जाम लगाना चालु कर दिया जाता है, एवं झुंठे केस में फसाने की कोशिश की जाती है, जो भी हो में इसके लिये तैयार हूँ,! बहरहाल मेंरी यह कम्पलेंट अवैध चॅनल के बारे में है! अगर रवि सुबईया पत्रकार है तो नवी मुम्बई में आने वाले लगभग 500 से ज्यादा केबल ऑपरेटर भी पत्रकार है, क्या ऐसे पत्रकारो को पत्रकार बिरादरी अपने साथ रखेगी यह सवाल आज भी कायम है. आज रवि सुबईया जैसे भ्रष्ट पत्रकार समाज में सिर्फ चुनिंदा लोगो के लिये काम कर रहे है, ताकि अपने आकाओं को फायदा पहुंचा सके!
रवि सुबईया एवं जेबा वारसिया पर नवी मुम्बई के सेक्टर 31 में आयी माईक्रो टेक्नोलोजी के साथ भी लगभग 7 करोड रुपयों से भी ज्यादा की ठगी और धोखाधड़ी का आरोप है. दरअसल रवि सुबईया एवं जेबा वारसिया अपने आपको न्यूज टीवी चेनल का मालिक बताते है, और लोगो को बताते है कि वो न्यूज चॅनल चलाना चांहते है तो उनके पार्टनर बन सकते है, ऐसा कह कर माईक्रो टेक्नोलॉजी के डॉक्टर शेखर को इन्होंने अपनी मीठी मीठी बातों के जाल में फंसा कर पहले तो 2 करोड 15 लाख रुपये ले लिये फिर उनको 35 प्रतिशत के शेयर भी नहीं दिये, एवं फिर उन पर ही 7 करोड रुपयो का दावा कर दिया है, मतलब लगभग  साढे नौ करोड रुपयो का चूना लगाने की कोशिश इस रवि सुबईया द्वारा जारी है! यह सब भ्रष्टाचार इसलिये भी जारी है क्योंकि रवि सुबईया हमेशा ही अपने आपको टीवी एवं मीडिया का आदमी बताता है,

दरअसल वो एक फर्जी केबल ऑपरेटर से ज्यादा कुछ भी नहीं है, वो भी फर्जी दस्तावेजो के कारण. अब जनता को इस प्रकार के फर्जी पत्रकार से डरने की जरुरत नहीं है! जरूरत तो बस इतनी है कि मुंबई और नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त इस मसले की संपूर्ण जांच नये सिरे से कराये. 

LOOKING AT THE EXHIBITS AT THE LEFT, PUBLIC AND JOURNALIST SHOULD BE ABLE TO UNDERSTAND HOW THESE TWO CABLE OPERATORS HAVE CHEATED THE PUBLIC AT LARGE.. "PUBCLIC IS HERE BY INFORMED THAT THESE BOTH HAVE TAKEN LICENCE FOR CABLE OPERATIONS, WHICH IS NOT VALID/INFORCE,  AND OBTAINED BASED ON FORGED DOCUMENTS."  VINOD GANGWAL,


Sabhar-Muktbharat.com

टिप्पणियां

umesh chaudhari
2012-09-05 12:14 PM
ise khate hai khoj patrkarita....
sharad patil
2012-09-05 08:15 PM
नवी मुंबई और मुंबई में भ्रष्ट पत्रकार न्यूज चैनल बद. करा नियमानुसार न्यूज चैनल चलाने की इजाजत नहीं है
Ram Trivedi
2012-09-05 11:01 PM
How come a cable operator can beacome a journalist, its seems serious issues. questions is how these people got accreditation card, on the accreditation card Name of Navi Mumbai vrit vahini, seems some serious problems. one should report to Navi Mumbai Police.
kishor khanna
2012-09-05 11:04 PM
in the video its clear that he is demanding two crore. but has he really received 7.5 Crore from Micro technology?..if he is really cable operator than how come they can take so big amount cable operator received only monthly subscription from consumers like Rs. 250 or 200... Kishor
R.K.Mishra
2012-09-05 11:40 PM
if News is right than it is serious issue, there should be through investigation by police.How come a cable opoerator can be a journalist. R.K.Mishra.
Vinnod Gupta, CBD
2012-09-07 07:19 AM
I SALUTE THE Mukt bharat FOR EXPOSING THE SAID CORRUPTION, "EK JALABI TEL ME BRASTACHARI JAIL ME"…
Sunil Patil
2012-09-07 07:22 AM
Only Vinod Gangwal, can do such daring, other wise against Media no body dares...if they are cable operator than police should take action against Zeba Warsia and Ravi Subbiah and NMTV ..if his news TV Channels is permitted by Government than Police should take action against Vinod Gangwal.
Sunil Patil
2012-09-07 07:25 AM
I am surprised, why Home minister, Comissioner, and other Govt body are silent...action should be there.....and in this article all the proofs are placed before public. so seems News is right.
Sanjay sarraf
2012-09-09 05:20 PM
You all are doing a great job. But I am think media is not playing their role for the nation as well as for the society. There are many corrupt Press reporter , they should be exposed. What your news paper have done is fantastic. Hope.. All reader like me ,will have been getting breaking news like this. Regards
R.K.Jain
2012-09-09 10:51 PM
Great Job done, why not police is taking action?...
Dev Pandey
2012-09-10 02:43 PM
ऐसे पत्रकारों को चप्पल से मारना चाहिए, आखिर पुलिस इसको अरेस्ट क्यों नहीं करती हँ.
Vinod Gangwal
2012-09-13 07:56 AM
Any comments is updated authomatically...any body can give their comments..please use good language.and maintain respect of every body. Vinod Gangwal.
R.V.Jain.
2012-09-13 12:46 PM
My sources says that against this Mr. Subbiah there have been a FIR at Vashi police station, and also presently complaint filed by Pushpa Dubey for physical harrasement..other serious charges..and also he has encroached a NMMC Garden by shutting gate..means grabed a land of crores of rupess, just opposit to his office....and also one elctricity theft case was booked against one director of Navi Mumbai News Pvt. Ltd...against Mr. Subbiah there are serious allegation in the complaint by Ms Pushpa Dube....
R.V.Jain
2012-09-13 12:51 PM
Sir ji, seeing above reports it is confirmed that this Ravi subbiah has also not paid Income tax for billng on Micro Technologies....and Service Tax..what both department is doing...ye dono patrakarita ko badnam kar rahe han...Both are Extornist and Black mailer.....truth will come sooon...