लखनऊ : रोज-रोज अपना नया ठीहा खोजने-बदलने में माहिर एक पत्रकार को यूपी के एक बड़े कद्दावर मंत्री ने अपने दफ्तर में दरवाजे से बाहर निकाल दिया। इस मंत्री ने अपने स्टाफ को ताईद भी कर दिया कि यह पत्रकार आइन्दा कभी भी कम से कम मेरे दफ्तर या घर की देहरी तक में नहीं पहुंच सके। इस घटना की सूचना-चर्चा अभी तक सत्ता के गलियारों में चल रही है।
मामला कुछ इस तरह है। बसपा सरकार में शामिल रहे बड़े-बड़े नेताओं, मंत्रियों और अफसरों में इस पत्रकार की पकड़ बहुत थी। कई चैनलों में इनका कई बार आना-जाना रहा है। पत्रकार-सम्मेलनों में भी यह पत्रकार अपनी सीट आगे के हिस्से में ही रखते थे। बसपा की सरकार जब धराशायी हुई तो इनका नयी सरकार के कई मंत्रियों की डेहरी पर इन पत्रकार की पहुंच होने लगी।
बताते हैं कि विगत दिनों अखिलेश यादव के चाचा और सरकार के एक बड़े मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने चंद पत्रकारों को बातचीत के लिए बुलाया था। हालांकि इसका बुलव्वा इस पत्रकार को नहीं था, लेकिन भनक मिली, तो यह शिवपाल सिंह यादव के यहां पहुंच गये। बस, उन्हें देखते ही इस पत्रकार की मौजूदगी पर शिवपाल सिंह ने पहले अपना मुंह बिचका दिया। इतना ही नहीं, इसके पहले कि पत्रकार जी कुछ बोलते, शिवपाल ने अपने कड़े शब्दों के साथ अपने स्टाफ को आदेश दिया कि इन्हें बाहर का रास्ता दिखाओ और आइंदा उन्हें यहां नहीं बुलाया जाए।
शिवपाल ने भड़क कर यहां तक कह दिया था कि बाबू सिंह कुशवाहा समेत भ्रष्ट मंत्रियों की चाकरी करने वाले दलालों-पत्रकारों की जगह मेरे आपसपास नहीं होनी चाहिए। हालांकि वहां मौजूद कुछ पत्रकारों ने शिवपाल सिंह यादव के इस रवैये पर ऐतराज करना चाहा, लेकिन बाकी पत्रकारों और मंत्री के तेवर देखकर वे चुप ही रहे। दरअसल, ऐतराज करने के मूड में रहे पत्रकारों का ऐतराज था कि किसी भी पत्रकार के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना, क्योंकि यह पूरी बिरादरी की इज्जत का सवाल था।
लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर की रिपोर्ट.
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