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जीवन में महेनत ही रंग लाती ---रंजना राजपूत रंजना राजपूत



सफलता का अपना सुखद अनुभब है ये तो मेहनत से मिलती है। इसको पाने का बॉलीवुड में कोई शॉट कट तरीका मुझे चार सालो में नजर नहीं आया है। जो लोग शार्ट कट तरीका अपनाते है तो बॉलीवुड में बहुत कम समय के मेहमान होते है।

इन सालो में बहुत लोगो को आते और जाते देखा है। मेरी परवरिश तो डेल्ही में हुई और डेल्ही यूनिवर्सिटी से मैंने ग्रेजुएट किया है। उफ़ ये एक्टिंग तो मेरे लिए सब कुछ है। एक्टिंग का कोर्स मैंने बालाजी टेलीफिल्म से किया है। यासीन खान के साथ कुछ स्टेज प्ले किये है जो भी कुछ सीखा है वह बालाजी और थिएटर से सीखा है।

बॉलीवुड में मेरी शुरुआत एक्टर और मॉडल के तौर पर हुई फिर धीरे धीरे डायरेक्शन में हाथ आजमाने लगी । अब फुल टाइम एक्टिंग और मॉडलिंग कर रही हु। अभी मै कात्यानी टीवी चेंनल के लिए टीवी सीरियल और राजस्थानी मूवी कर रही हु। मुझे हिंदी फिल्म के काफी रोल ऑफर हुए। मै उनकी शर्तो पर काम नहीं कर सकी।

एक ऐसा किरदार जो श्रीदेवी जी ने फिल्म सदमा में किया था वो करना चाहती हु। मेरे आइडियल तोर स्मिता पाटिल और शवाना आजमी जी है।

बॉलीवुड में गुटबाजी का चलन है जो जिसके कैंप का हिस्सा बन गया उसे फायदा तो मिलता है मगर इन कैंपो की दीवारे बहुत उची है।


जिसे पार करना आसान भी नहीं है। हां मै कहूँगी फायदा मिलता है।अरे भाई कोम्प्रोमाईज़ से काम नहीं चलता है जिसके पास टैलेंट है उसे बिना कोम्प्रोमाईज़ के काम मिल जाता है। जिसको कुछ नहीं आता है वो कोम्प्रोमाईज़ करके कुछ नहीं कर पाता है। सच तो ये ही है।

यह इंटरव्यू एडिटर सुशील गंगवार ने न्यूज़ पोर्टल साक्षात्कार.डाट काम के लिए लिया है