फिल्म पत्रकारिता कही अभिशाप तो नहीं। ये करने के बाद ही पता चलता है। वैसे तो पत्रकारिता में १८ बर्षो से हूँ। फिल्म पत्रकारिता को ग्लैमर की दुनिया कहा जाता है जहा हर रोज नये पुराने फिल्म स्टार से मुलाकात और साक्षात्कार होता है। वही ये दुनिया झूठी कपटी मायावी सी लगती है। पता नहीं कब किस मोड़ पर कौन किसका शिकार बन जाये या बना लिया जाये। यह कह पाना थोड़ा सा मुश्किल है। मै बहुत जल्दी ही कुछ नया लेकर आने वाला हूँ इतंजार करे। .
सुशील गंगवार
साक्षात्कार डाट काम