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इस महिला की विशेष उपलब्धि को जान दंग रह जाएंगे


  

 

 

 
 
 
इंदौर। अहिल्योत्सव समिति इंदौर द्वारा 15वां देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह शनिवार शाम 6 बजे बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष यह सम्मान समाज सेविका सिंधुताई सपकाल को दिया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें हजारों अनाथ, नि:सहाय बालकों को मातृ वात्सल्य देकर उनका जीवन संवारने के लिए दिया जा रहा है।

इसके अंतर्गत उन्हें शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपए की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। समारोह के मुख्य अतिथि सेवाधाम आश्रम उज्जैन के निदेशक सुधीरभाई गोयल होंगे। समिति अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बताया सिंधुताई उन महिलाओं में अग्रणी हैं जो विपरीत परिस्थितियों में जूझते हुए सामाजिक, न्यायिक व नैतिक उत्तरदायित्वों का निर्वाह कर रही हैं।

सिंधुताई सपकाल का परिचय
विदर्भ महाराष्ट्र में एक सामान्य गोपालक परिवार में इनका जन्म हुआ। रुढ़िवादी परिवार होने के कारण पढ़ाई में परेशानी आई और कम उम्र में अपने से बड़ी उम्र के व्यक्ति से विवाह हो गया। चिकलदरा में वनवासी महिलाओं को उनके श्रम का फल नहीं दिया जाता था। टाइगर प्रोजेक्ट के नाम पर ग्राम की भूमि भी वनवासियों से छिनी जा रही थी। सिंधुताई ने आवाज उठाकर वनवासियों को न्याय दिलाया।

गर्भावस्था में मानसिक शारीरिक प्रताड़ना झेली और बाद में नवजात बेटी को लेकर दर-दर भीख मांगी लेकिन हिम्मत न हारते हुए भजन व काव्यपाठ के साथ अनाथों का सहारा बनने का निश्चय लिया। वर्तमान में उनके कई गांवों में बाल निकेतन, महिला आश्रम, छात्रावास व वृद्धाश्रम हैं। लगभग 1500 अनाथ बालकों की वे मां हैं। उनके जीवन पर मी वनवासी धारावाहिक व मी सिंधुताई सपकाल फिल्म भी बनी है।
Source- Bhaskar.com