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मैंने यहाँ तक पहुचने के लिए बहुत मेहनत की है। यशपाल शर्मा

मैंने यहाँ तक पहुचने के लिए बहुत मेहनत की है।  यशपाल शर्मा

फिल्मो से टीवी -
अब टीवी  कोई छोटा माध्यम नहीं रहा है।  टीवी के जरिये लोग घर घर तक पहुंच चुके है।  मेरी शुरुआत स्टेज से  हुई।  सच ये है मै  तो थिएटर का एक्टर हु. चाहे फिल्म हो टीवी।  काम तो काम होता है।

आज बड़े बड़े फिल्म स्टार बड़े परदे से टीवी पर आ  रहे है। वही टीवी से  लोग बड़े परदे पर अपनी पहचान बना रहे है।  फिल्मो में मुझे टिपिकल रोल दिए जा रहे थे।  लोगो को लगा  की मै  नेगेटिव ही रोल कर सकता हु. ऐसा नहीं है। मै सभी तरीके के रोल के लिए फिट हु.




नीली छतरी वाले -

मै  पहले तो अश्वनी धीर का थैंक्स कहना चाहुगा।  धीर जी ने मुझे भगवान  दास के  रोल के लायक समझा।  वो एक नया कांसेप्ट लेकर आये।  जब मैंने सुना तो मैंने हां कर दी। धीर जी का सेन्स ऑफ़ हूमर काफी अच्छा है

नेशनल स्कूल ड्रामा के बाद -


भाई काफी मेहनत की है।  हम कोई स्टार पुत्र नहीं जो हमारी लांचिंग होती। मै लिफ्ट से नहीं सीढ़ी चढ़कर यहाँ तक पंहुचा हु. मैंने वो दिन नहीं भूलता हु जब लोगो से पचास पचास रूपये उधार लेकर काम चलाता  था।


कैंपबाजी -

बॉलीवुड में  कैंपबाजी चलती है मै जनता हु, पर मै कैंपबाजी के चक्कर में नहीं रहता हु।  कैम्पबाजी  पर न भरोसा है।  मुझे अपने टैलेंट पर भरोसा है।  सभी एक सामान है।


क्या एक्टिंग के लिए कोई ट्रेनिंग -

हां भाई ट्रेनिंग जरुरी है लेकिन अब बॉलीवुड में फेक लोग आ  गए है जो स्टार बनाने के नाम पर  लोगो को जमकर लूट रहे है।  सच ये है डिमांड बढ़ गई है।  काम   कम  है  भीड़ ज्यादा है।  मैं  तो तीस सालो से एक्टिंग सीख रहा हु अभी तक नहीं सीख पाया हु।  वो लोग एक महीना में स्टार बना रहे है।  कही कुछ घपला है।

जो लोगो बॉलीवुड में आना - 

जो लोग बॉलीवुड में आना चाहते है। . वो अपनी पूरी तैयारी के साथ आये।  ये सपनो की दुनिया है।  मै तो यह कहुगा, अब डिरेकटर और प्रोडूसर   अपनी  रेस्पोंसबिलिटी समझे।  अच्छी फिल्म बनाये।  हिंसा से हिंसा फैलती है। आप लोग ऐसी फिल्मे बनाओ जो आप अपने फैमिली के साथ बैठ कर देख सको।

 This interview taken by Editor Sushil Gangwar for Sakshatkar.com