समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
बता दें नारायणगढ़ के पत्रकार पंकज खन्ना की आत्महत्या मामले में मंगलवार को एडिशनल सेशन जज संजीव आर्य की अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए पूर्व सीपीएस राम किशन गुज्जर, अजीत और विजय अग्रवाल को दोषी करार दिया था। अदालत के आदेश पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर अंबाला सेन्ट्रल जेल भेज दिया था।
दरअसल यह मामला 10 जून 2009 का है, जब नारायणगढ़ निवासी पंकज खन्ना ने जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली थी। दम तोड़ने से पहले उसने एक सुसाइड नोट लिखा था,
जिसमें उसने तत्कालीन विधायक राम किशन गुर्जर व उनके सहयोगी अजीत अग्रवाल व विजय कुमार को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था।
जिसमें उसने तत्कालीन विधायक राम किशन गुर्जर व उनके सहयोगी अजीत अग्रवाल व विजय कुमार को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था।
27 वर्षीय पंकज खन्ना उर्फ सन्नी खन्ना नामक यह पत्रकार स्थानीय हिंदी मैगजीन ‘क्राइम तहकीकात’ में काम करते थे। पंकज के पिता यशपाल खन्ना भी पत्रकारिता से जुड़े हुए थे, जिनकी वर्ष 2012 में मौत हो गई थी। अब पंकज की मां अकेली है और उसकी बहन का भी विवाह हो चुका है।
पंकज ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि विधायक गुर्जर ने उसके खिलाफ झूठा केस दर्ज कराने के बाद थाने में दो बार जमकर पिटवाया। पंकज के सुसाइड नोट के मुताबिक, उसने घर की हुई बदनामी और इज्जत खराब होने के वजह से जान दी थी।
बाद में प्रभावशाली पदों पर होने के चलते पुलिस आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी करती रही। स्थानीय लोगों और मीडियाकर्मियों के दबाव के चलते नारायणगढ़ पुलिस ने सुसाइड नोट और यशपाल खन्ना की शिकायत के आधार पर विधायक रामकिशन व उनके सहयोगियों के खिलाफ धारा 306 में रिपोर्ट दर्ज की थी।
पहले इकलौता भाई और बाद में पिता की मौत से हताश होने के बावजूद बहन प्रीति खन्ना ने हार नहीं मानी। प्रीति ने चुनौतियों का सामना किया और राम किशन गुर्जर के खिलाफ लड़ाई जारी रखी। साल 2009 में भाई पंकज की मौत का उसके करियर पर भी असर पड़ा, लेकिन इंसाफ के लिए वह पिछले सात साल से लड़ती रही और अब जाकर उसे इंसाफ मिला है।
Sabhar- samachar4media.com